Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद बन रहा 'त्रिकोण योग', इन 5 राशियों पर बरसेगी विशेष कृपा
Mahashivratri 2024 Trikon Yoga महाशिवरात्रि के मौके पर इस बार त्रिग्रही योग बन रहा है। यह योग 300 साल बाद बनने जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार यह योग विशेष फलदायी है। इस दौरान पांच राशि वाले जातकों पर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसेगी। महाशिवरात्रि के दिन भगवान की पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ऐसे में यह दिन जीवन में खुशियां ला सकता है।
संवाद सूत्र, उदवंतनगर/आरा। Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि का पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव के लिए अत्यंत प्रिय होता है।
वर्ष 2024 में महाशिवरात्रि शुक्रवार, आठ मार्च को मनाई जाएगी। लगभग 300 वर्षों बाद महाशिवरात्रि पर खास त्रिकोण योग बन रहा है।
इस दुर्लभ योग और शुभ अवसर पर भगवान शंकर की पूजा करने से भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होगी। महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।
मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन व्रत रखने व विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
पंडित विवेकानंद पांडेय ने बताया कि इस वर्ष शुक्रवार को प्रदोष और शिवरात्रि व्रत एक ही दिन मनाई जाएगी। शुक्र प्रदोष का अपना महत्व है।
गुरुवार सात मार्च को रात्रि 9.46 बजे त्रयोदशी का आगमन हो रहा है, जो शुक्रवार आठ मार्च को रात्रि 7.38 बजे तक रहेगा।
सिंह, कन्या, वृष, मेष, धनु आदि राशि वालों के लिए यह विशेष फलदायी है। महाशिवरात्रि के दिन सुबह आठ बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
300 वर्ष बाद बनेगा त्रिग्रही योग
पंडित विवेकानंद पांडेय ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन 300 वर्षों बाद त्रिग्रही योग बन रहा है। इस दुर्लभ योग और शुभ अवसर पर भगवान शंकर की पूजा अर्चना करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।
महाशिवरात्रि के दिन मकर राशि में मंगल और चंद्रमा की युति से चंद्र मंगल योग बन रहा है। इसके साथ ही कुंभ राशि में शुक्र, शनि और सूर्य की युति और मीन राशि में राहु और बुध की युति से त्रिग्रही योग बन रहा है।
ऐसा संयोग कई राशियों के जीवन में खुशियां ला सकता है। इस दिन शहद से अभिषेक करना शुभ होगा।
महाशिवरात्रि का महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा विशेष महत्व रखती है।
महाशिवरात्रि के दिन व्रत और पूजा का विधान है। रात्रि जागरण के साथ शोभा यात्रा भी निकली जाती है। लोग शिव मंदिरों में सुबह से ही जलाभिषेक करते हैं।
प्रदोष व्रत महिलाएं पुत्र प्राप्ति तथा महाशिवरात्रि का व्रत अपने सुहाग की मंगल कामना हेतु करती हैं। इस बार एक ही दिन प्रदोष और महाशिवरात्रि होने से दुर्लभ संजोग बन रहा है।
बाबा लंगटनाथ धाम में आएंगे श्रद्धालु
महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा लंगट नाथ धाम में अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक शिवभक्तों के आगमन की संभावना है। यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक को आते हैं। महाशिवरात्रि पर ग्रामीण मेले का आयोजन भी होता है।
महाशिवरात्रि पर निकाली जाएगी भव्य शिव बरात
हिंदू जागरण मंच की एक बैठक रामगढ़िया स्थित राम जानकी मंदिर प्रांगण में हुई। बैठक में इस वर्ष भी शिव बारात निकालने पर सहमति बनी और कार्यक्रम को सफल बनाने पर चर्चा हुई।
भोले बाबा की बारात रामगढ़िया स्थित गज्जु लाला शिव मंदिर से बैंड बाजा के साथ प्रारंभ होगी, जो चेता साह मंदिर, अबरपुल, आरण्य देवी, बड़ी चौक, गोपाली चौक, जेल रोड, शिवगंज, बड़ी मठिया, महादेवा रोड, बुढ़वा महादेव मंदिर, धर्मन चौक, चित्रटोली रोड, टाउन थाना मोड़, आर्य समाज मंदिर, नाला मोड़, चौधरियाना, बिंद टोली होते हुए सिद्धनाथ मंदिर में समाप्त होगी। बैठक में हिंदू जागरण के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।
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