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मुफ्त का राशन डकार रहे 'सेठ', बंदूकधारी से बंगलाधारी तक को मुफ्त गेहूं-चावल का लाभ; अब चुकानी होगी कीमत

भोजपुर जिले के खाद्य सुरक्षा सूची में 2014 से अभी तक 4 हजार 320 सरकारी कर्मचारी अपात्र होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं। इनके पास आलीशान बंगले महंगी मोटरसाइकिल और कारें भी हैं। नगर निगम क्षेत्र वार्डों और गांव में से शायद ही ऐसा कोई वार्ड हो जहां पर कोई सरकारी कर्मचारी या फिर बंगलाधारी खाद्य सुरक्षा से न जुड़ा हो।

By Kanchan KishoreEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Wed, 19 Jul 2023 03:44 PM (IST)
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मुफ्त का राशन डकार रहे 'सेठ', बंदूकधारी से बंगलाधारी तक को मुफ्त गेहूं-चावल का लाभ; अब चुकानी होगी कीमत
आरा (भोजपुर), जागरण संवाददाता। भोजपुर जिले में गरीब तबके के लोग खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने के लिए खाद्य उपभोगता विभाग और प्रखंडों के चक्कर लगाने के बाद भी नाम नहीं जुड़वा पा रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ कई बंगलाधारी और लाइसेंसी बंदूकधारी से लेकर सरकारी नौकरी कर रहे या रिटायर्ड कर्मचारी हर महीने फ्री में मिलने वाले गेहूं और चावल का लाभ उठा रहे हैं।

भोजपुर जिले के खाद्य सुरक्षा सूची में 2014 से अभी तक 4 हजार 320 सरकारी कर्मचारी अपात्र होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं। इनके पास आलीशान बंगले जैसे घर, महंगी मोटरसाइकिल और कारें भी हैं। इनमें रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल हैं। कई तो दो मंजिला, तीन मंजिला मकान के मालिक हैं।

नगर निगम क्षेत्र वार्डों और गांव में से शायद ही ऐसा कोई वार्ड हो, जहां पर कोई सरकारी कर्मचारी या फिर बंगलाधारी खाद्य सुरक्षा से न जुड़ा हो। सभी वार्डों से अधिकांश लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से जुड़े हुए हैं। सरकारी कर्मियों और बंगलाधारियों ने राशन कार्डों में अपना मोबाइल नंबर तक लिखवा रखा है।

मुफ्त राशन की चुकानी होगी कीमत

जिला प्रशासन ने अब खाद्य सूची में जुड़े अपात्र लोगों का सर्वे शुरू करवाया है और जल्द ही ऐसे लोगों के नाम सूची से काटे जाएंगे। साथ ही अब तक लिए गए गेहूं और चावल की कीमत भी वसूली जाएगी। सदर एसडीओ लाल ज्योत्ति नाथ सहदेव ने बताया कि सरकारी कर्मचारी और बंगलाधारी लोग, जो खाद्य सुरक्षा का गैर कानूनी रूप से लाभ उठा रहे है, उनका सघन अभियान चलाकर रिकवरी किये जाने के निर्देश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, यह सभी लोग डीलर से अनाज ले जाकर अन्य दुकानों पर मंहगे दाम पर बेच देते हैं। पीडीएस दुकानदारों को उन राशन लेने वाले कार्डधारकों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है।

राशन कार्डधारी भी ब्लैक में बेच रहे राशन

कुछ डीलरों ने कहा कि कई ऐसे राशन कार्डधारी हैं, जो डीलर से तो अनाज लेते हैं और बनिया के पास ले जाकर बेच देते हैं। सदर एसडीओ ने कहा कि जो लोग अनाज को बेच रहे हैं, उन सभी कार्डधारियों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। 

डीलर करेंगे हर राशनकार्डधारियों की पहचान

खाद्य सुरक्षा सूची में 1420 ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्होंने गरीबों का निवाला डकार कर रखा है। सरकारी नौकरी वाले इन लोगों की वजह से जरूरतमंद गरीब परिवारों तक लाभ नहीं पहुंच पाया। एसडीओ के निर्देशानुसार, बंगला, कार, मोटरसाइकिल, सहित पेंशन उठानेवाले कार्डधारियों का लिस्ट तैयार करना है।

हर प्रखंड में 50 हजार से अधिक राशन कार्ड

केंद्र और राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सस्ता राशन देने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है। भोजपुर जिले में करीब 15 हजार लोगों के फर्जी राशन कार्ड बने मिले हैं। आपूर्ति विभाग के अभिलेखों के अनुसार, जिले के सभी प्रखंड क्षेत्र में 30 से 50 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के पास राशनकार्ड हैं। 

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