Janani Suraksha Yojana: बिहार में गर्भवती महिलाओं की बल्ले-बल्ले, सरकार करेगी आर्थिक मदद; ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
PM Janani Suraksha Yojana भोजपुर जिले में 21 सितंबर को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे। गर्भवती और धातृ महिलाओं को स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। संस्थागत प्रसव सुरक्षित है और जननी सुरक्षा योजना के तहत आर्थिक सहायता भी दी जाती है। गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये (ग्रामीण) और 1000 रुपये (शहरी) दिए जाते हैं। इसके लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है।
अरुण प्रसाद, जागरण,आरा। Ara News: भोजपुर जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आज 21 सितंबर को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के तहत स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सभी गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को शामिल होना चाहिए। यह शिविर प्रत्येक महीने की नौ एवं 21 तारीख को लगाया जाता है।
इसमें शामिल होने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को यह जानना जरूरी है कि संस्थागत प्रसव हर मायने में गर्भवतियों व शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प है। इससे ही प्रसव के दौरान होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना संभव हो सका है।
साथ ही प्रसव पूर्व एवं बाद में भी जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य संबंधी सभी आवश्यकताओं के लिए भी अलग से सोचने या खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती को पोषण के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।
ग्रामीण गर्भवती महिला को 1400 रुपये तो शहरी को 1000 रुपये की मदद
इस योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए एसीएमओ डा. केएन सिन्हा ने बताया कि योजना का लाभ ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में उपलव्ध है। ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं। जबकि, प्रसव के तुरंत बाद परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाने पर प्रसूता को 2000 रुपये व प्रसव के सात दिन बाद नियोजन कराने पर आर्थिक सहायता के रूप में 3000 रुपये दिए जाने का प्रावधान है।
वहीं संस्थागत प्रसव के लिए गर्भवतियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति प्रसव शहरी क्षेत्र की आशाओं को 400 व ग्रामीण आशाओं को 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवतियों पंजीकरण जरूरी
डा. सिन्हा ने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए गर्भवती महिलाओं को अपने प्रसव और शिशु के जन्म के लिए आशा के सहयोग से सरकारी अस्पतालों में पंजीकरण कराना होता है। पंजीकृत महिलाओं को इस योजना का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।
इसके अलावा गर्भधारण के बाद से ही फ्रंट लाइन वर्कर्स (एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं व सेविकाओं) की सहायता से गर्भवतियों के लिए सही आहार से लेकर प्रसव पूर्व जांच कर उनके शारीरिक बदलाव, यूरिन, ब्लड शुगर, एचआईवी, हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, वजन, बच्चे की स्थिति और विकास का पूरा ध्यान रखा जाता है। वहीं जांच के बाद आवश्यकतानुसार लिखी दवाएं महिलाओं को मुफ्त दी जाती हैं, जो कि घर में प्रसव के दौरान संभव नहीं हो पाता है।
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