झारखंड में नक्सली मुठभेड़ में बलिदान हुए जवान का पार्थिव शरीर भोजपुर पहुंचा, वीर गौतम अमर रहे के लगे नारे
झारखंड में पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा जिला के टोंटा थाना के तुम्बा जंगल में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में बलिदान भोजपुर जिले के सपूत गौतम का पार्थिव शरीर बुधवार की सुबह राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव लाया गया। बलिदानी जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही विशेष वाहन से पैतृक गांव भोजपुर के शाहपुर थाना के रंडाडीह गांव पहुंचा।
By Deepak SinghEdited By: Prateek JainUpdated: Wed, 16 Aug 2023 11:21 AM (IST)
जाटी,आरा/शाहपुर, जागरण संवाददाता: झारखंड में पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा जिला के टोंटा थाना के तुम्बा जंगल में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में बलिदान भोजपुर जिले के सपूत गौतम का पार्थिव शरीर बुधवार की सुबह राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव लाया गया।
बलिदानी जवान का पार्थिव शरीर जैसे ही विशेष वाहन से पैतृक गांव भोजपुर के शाहपुर थाना के रंडाडीह गांव पहुंचा तो वीर गौतम अमर रहें..., जब तक सुरज चांद रहेगा गौतम तेरा नाम रहेगा..के नारे से पूरा आसमान गुंज उठा।
विधायक-अफसरों ने दी श्रद्धांजलि
वर्तमान में गौतम कुमार झारखंड के जगुआर (एसटीएफ) में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। इस दौरान शाहपुर विधायक राहुल तिवारी,जगदीशपुर एसडीपीओ राजीव चन्द्र सिंह और थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार समेत कई अफसरों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।इधर, बलिदानी सपूत के शव आने की सूचना मिलते आसपास के गांव के ग्रामीणों की भीड़ दरवाजे पर एकत्रित हो गई थी। सभी इस घटना से काफी मर्माहत दिखे। झारखंड के चाईबासा जिले के पुलिस अफसर पार्थिव शरीर लेकर यहां पहुंचे थे। इस दौरान अंतिम सलामी भी दी गई।
इस मुठभेड़ में एसटीएफ के एक दारोगा अमित कुमार और एक हवलदार गौतम कुमार बलिदान हो गए। सब इंस्पेक्टर को सात-आठ और हवलदार को चार गोली लगने की सूचना है। जगुआर का मुख्यालय रांची में है। बलिदान हुए दारोगा पलामू जिले के बताए जाते हैं। इधर, बलिदान हुए जवान के गांव के लोग रात से ही शव आने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
हाथों में तिरंगा लेकर पार्थिव शरीर की अगवानी में खड़े थे लोग
इधर, बलिदान हुए जवान गौतम के पार्थिव शरीर आने को लेकर गांव के लोगों अपने हाथों में तिरंगा ध्वज लेकर अगवानी में खड़े थे। देशभक्ति का जूनून देखते ही बन रहा था। दूसरी ओर परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। गौतम पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े थे।जवान के पिता स्व. ज्वाला पासवान भी झारखंड पुलिस में कार्यरत थे, लेकिन बीमारी के कारण वर्ष 2013 में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद गौतम की नौकरी अनुकंपा के आधार पर बाल सिपाही के पद पर वर्ष 2015 में हुई थी। बलिदानी गौतम की एक बहन रिंकु कुमारी हैं। भाई युगराज पासवान, गुलशन पासवान व मोहित पासवान है।
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