बिहार में आज इस विधानसभा सीट पर भी वोटिंग, मानी जाती है लाल सलाम का गढ़; निशाने पर 'तीर'
Bihar Assembly By-Poll लोकसभा के साथ बिहार में आरा संसदीय क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित अगिआंव विधानसभा सीट का उपचुनाव भी हो रहा है। 2020 में यहां से विधायक चुने गए भाकपा माले के मनोज मंजिल के एक हत्याकांड में सजायाफ्ता होने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। उपचुनाव में नौ प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, आरा। लोकसभा के साथ आरा संसदीय क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित अगिआंव विधानसभा सीट का उपचुनाव भी हो रहा है। 2020 में यहां से विधायक चुने गए भाकपा माले के मनोज मंजिल के एक हत्याकांड में सजायाफ्ता होने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। उपचुनाव में नौ प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।
यहां के दो लाख 72 हजार 603 मतदाता 286 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। यहां से भाकपा माले के शिवप्रकाश रंजन और जदयू के प्रभुनाथ राम के बीच सीधा मुकाबला बताया जा रहा है। 2010 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया अगिआंव विधानसभा में जिले के चरपोखरी, गड़हनी और अगिआंव प्रखंड आते हैं।
इस मामले में भाकपा माले और राजद का मजबूत गढ़
जातीय समीकरण और कैडर के बूते यह क्षेत्र भाकपा माले और राजद का मजबूत गढ़ माना जाता है। 2010 में भाकपा माले और राजद अलग-अलग थीं, तब भाजपा के शिवेश राम पांच हजार के अंतर से चुनाव जीते, जबकि माले और राजद दोनों को 20 हजार से ज्यादा मत प्राप्त हुए। 2015 के चुनाव में जब राजद और जदयू साथ थे, तब जदयू के प्रभुनाथ राम विधायक बने।
2020 में महागठबंधन में शामिल होने के बाद भाकपा माले ने यहां से लगभग 49 हजार मतों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा आरा के सातों विधानसभा क्षेत्र में केवल अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से पिछड़ी थी। ऐसे में लाल सलाम के गढ़ में जदयू के लिए निशाने पर तीर लगाना बड़ी चुनौती है।
पिछले चुनाव का परिणाम
भाकपा माले- मनोज मंजिल
प्राप्त मत- 86327
जदयू- प्रभुनाथ राम
प्राप्त मत- 37777
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