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Bihar News: जिस महिला की हत्या में पति-ससुर गए थे जेल, 4 साल बाद मिली जिंदा; जान बचाने वाले से कर डाली शादी

चार साल पहले दहेज हत्या के मामले में पति और ससुर को जेल हुई थी लेकिन अब उस महिला को जिंदा पाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि महिला के लापता होने के पीछे उसके अपने पिता का हाथ था। जानिए इस अविश्वसनीय कहानी के बारे में और कैसे इस मामले ने एक नए मोड़ ले लिया है।

By Deepak Singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 18 Oct 2024 09:21 PM (IST)
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दहेज हत्या केस में चौंकाने वाला खुलासा! 4 साल बाद महिला मिली जिंदा।
जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर पुलिस की फाइलाें में करीब चार सालों से मृत एक महिला को जिंदा हालत में बरामद किया गया है। दहेज को लेकर विवाहिता की हत्या का मामला मायके वालों ने दर्ज कराया था और इसमें महिला के पति, ससुर और भैंसुर को ढाई से तीन साल जेल में रहना पड़ा था।

जब महिला जीवित सामने आई है, तब पता चल रहा है कि उसके इतने दिनों तक लापता रहने की वजह उसके अपने ही पिता थे और उन्हीं की वजह से वह चार साल गायब रही।

इधर, महिला की बरामदगी के साथ ही चार साल पुराने दहेज हत्या के मामले का पटाक्षेप हो गया है। मामला चौरी थाना से जुड़ा है।

पुलिस अब बरामद विवाहिता को कोर्ट में प्रस्तुत कर उसका बयान कलम बंद कराएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बरामद विवाहिता ने पूछताछ में अपने पिता की प्रताड़ना से तंग आकर घर से भागे जाने की बात पुलिस को बताई है। ऐसे में पिता पर भी कानूनी शिकंजा कस सकता है।

बताते चलें कि चौरी थाना क्षेत्र के जनकपुरिया गांव निवासी अवध बिहारी सिंह की पुत्री धर्मशीला देवी की शादी वर्ष 2015 में चौरी थाना के बहुआरा छपरा गांव निवासी प्रमोद सिंह के दीपक सिंह से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद वह अपने मायके चली आई थी।

इस बीच विवाहिता अपने मायके से ही बिना कुछ बताए कही निकल गई थी। इस दौरान 29 अक्टूबर 2020 काे विवाहिता के पिता ने अवध बिहारी सिंह ने संबंधित थाना में दहेज के लिए हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए विवाहिता के पति दीपक सिंह, ससुर प्रमोद सिंह एवं भैंसुर रवि शंकर के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी कराई थी। साथ ही खड़ाव सोन नदी से बरामद एक महिला के शव की पहचान अपनी पुत्री के रूप में की थी।

पुलिस ने पति समेत तीनों आरोपितों को भेजा था जेल

प्राथमिकी व कथित रूप से शव बरामदगी के बाद पुलिस ने तीनों आरोपितों विवाहिता के पति दीपक सिंह, ससुर प्रमोद सिंह एवं भैंसुर रवि शंकर काे गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

तीनाें करीब ढाई से तीन साल जेल में रहे थे। बाद में कोर्ट से जमानत पर बाहर आए थे। हत्या को लेकर कोर्ट में ट्रायल भी शुरू हो गया था। इस बीच विवाहिता को टाउन थाना के मीरगंज से जीवित हालत में बरामद कर लिया गया।

बोली विवाहिता- पिता से तंग आकर भागी थी घर से

इधर, बरामद विवाहिता धर्मशीला से जब पुलिस टीम ने पूछताछ की तो उसने चाैंकाने वाला बयान दिया। उसके अनुसार उसकी शादी के कुछ महीने बाद ही उसकी मां की मौत हो गई थी।

इसके बाद वह पिता के देखभाल के लिए मायके जनकपुरिया चली आई थी। उसके पिता ही उसका शोषण करना चाहते थे। प्रताड़ित कर रहे थे। जिसके बाद वह डर से घर छोड़कर भाग गई थी।

टेन से कटने जा रही थी तो अजय ने उसे बचाया। इसके बाद उसके पिता ने फंसाने की नीयत से उसके ससुराल वालों पर गलत मुकदमा कर दिया था।

जिसने बचाई जान उसी से कर ली दूसरी शादी

इधर, बरामद विवाहिता के अनुसार जब वह ट्रेन से कटने जा रही थी तो  आरा शहर के मीरगंज निवासी  अजय कुमार ने उसकी जान बचायी थी। इसके बाद वह उसी से दूसरी शादी कर घर संसार बसा ली।

दांपत्य जीवन के दौरान उसे दो संतान भी है। इस दौरान पुलिस ने गुत सूचना पर उसे बरामद कर लिया। अजय पेशे से आटो चालक है। वह उसी के साथ रहना चाहती है।

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