मच्छरदानी सिलाई कर स्वावलंबी बनीं महिलाएं
कोरोना काल में जब सब लोग अपने घरों में भयभीत दुबके थे।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 07 Mar 2021 10:28 PM (IST)
आरा। कोरोना काल में जब सब लोग अपने घरों में भयभीत दुबके थे। सारे काम-धंधे बंद थे। और अचानक सभी के लिए बड़े पैमाने पर मास्क की जरूरत पड़ी। तब दिशा एक प्रयास की सचिव डॉ. सुनीता सिंह के मन में ये ख्याल आया कि क्यों न मास्क बनवाया जाए। इससे जहां कोरोना वायरस से लोगों का बचाव होगा और चंद लोगों को आर्थिक संकट भी दूर हो जाएगा। तब मास्क बनवाना शुरू किया। यह काम लॉक डाउन लगने के बाद शुरू हुआ और जुलाई माह तक खूब चला। इसके बाद इसमें लगी महिलाओं की आर्थिक मजबूती मिली। इस कार्य में लगी महिलाओं के अलावा अन्य महिलाएं व युवतियां आज मच्छरदानी सिलाई का कार्य करती हैं और आर्थिक रूप से स्वावलंबी हैं।
----- दो महिलाओं से हुआ कार्य शुरू : मास्क बनाने का कार्य मार्च के अंतिम दिनों में शुरू हुआ। इसमें सर्वप्रथम सीमा देवी व रिकी चौरसिया से मास्क सिलाई का कार्य शुरू हुआ। इसके बाद पुष्पा देवी, नीलिमा देवी, रूमा सिंह आदि महिलाएं जुड़ी। दिन भर ये मास्क बनाती। जिसकी वजह से कोरोना काल में अच्छी आमदनी हो जाती थी। इनके द्वारा निर्मित मास्क को डॉ. सुनीता सिंह ने कोरोना वारियर्स के अलावा सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में वितरण किया। इनके द्वारा निर्मित मास्क आज भी वितरित किया जाता है। ------
मास्क के बाद मच्छरदानी सिलाई शुरू : मास्क निर्माण करने के बाद आर्थिक रूप से मजबूत हुई महिलाएं अब मच्छरदानी की सिलाई कर रहीं हैं। मास्क सिलाई खत्म होने के बाद दिसंबर माह से मच्छरदानी सिलाई का कार्य करती हैं। इनसे प्रेरणा लेकर अन्य महिलाएं व युवतियां भी इस कार्य से जुड़ गई हैं, जिसमें बबीता देवी, पुष्पा देवी, नीलिका शंकर, सोनी बेगम, मधु मिश्रा, रूकइया परवीन, सफीका परवीन, शबनम परवीन आदि हैं। ये महिलाएं व युवतियां प्रतिदिन मच्छरदानी की सिलाई कर एक अच्छी आय प्राप्त कर लेती हैं। आज ये महिलाएं अन्य के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं। ------
गूंज संस्था करता है सहयोग : इस कार्य में चर्चित संस्था गूंज सहयोग करता है और प्रोत्साहित करता है। इनके महिलाओं द्वारा निर्मित मच्छरदानी को गूंज अपने माध्यम से बिहार के विभिन्न जिलों में वितरित करता है।
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