नौकरी के साथ कर सकते हैं रेगुलर पीजी की पढ़ाई, अब छिपकर दो जगह नहीं लेना पड़ेगा नामांकन; पर पहले जान लें सभी डिटेल
PG with job अब आपको छिपकर दो जगह पीजी में नामांकन कराने की जरूरत नहीं है। आप हक के साथ एक साथ एक से अधिक पीजी कोर्स में नामांकन ले सकते हैं। इसके अलावा आप जॉब के साथ भी पढ़ाई कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को यह सुविधा मिली है।
जागरण संवाददाता, आरा। अब स्नातकोत्तर (पीजी) करने में सरकारी अथवा निजी कंपनी में नौकरी अड़चन नहीं बनेगी। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं एक साथ एक से अधिक पीजी कोर्स में नामांकन ले सकते हैं।
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट कोर्स के तहत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक वर्षीय पीजी रेगुलर मोड में पीजी कर सकते हैं। हालांकि, नौकरी और रेगुलर वर्ग संचालन का समय अलग अलग होना चाहिए।
तीन वर्षीय स्नातक करने वाले विद्यार्थियों के लिए दो वर्षों का पीजी और चार वर्षीय स्नातक आनर्स के साथ रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक वर्ष का पीजी कोर्स होगा। तीन वर्षीय स्नातक कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए दो वर्षीय पीजी का दूसरा पूरा वर्ष रिसर्च गतिविधियों पर आधरित होगा।
नौकरी करने वालों को क्यों आती थी समस्या?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद इसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क तैयार किया है। चार वर्षीय स्नातक के लिए एक वर्षीय पीजी और तीन वर्षीय स्नातक करने वालों को दो वर्षीय पीजी होगा। इसके अलावा विद्यार्थी दो रेगुलर पाठ्यक्रम में नामांकन ले सकता है।
अभी तक ऐसा प्रावधान नहीं था। हालांकि, कई विद्यार्थी छिपकर दो जगह रेगुलर पढ़ाई करते थे। बाद में इसपर जब कोई आपत्ती जताता था तो नौकरी करने वालों को समस्या हो जाती थी। कुलसचिव प्रो. रण विजय कुमार ने बताया कि नये कोर्स शुरू करने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर एकेडमी काउंसिल और सिंडिकेट में रखा जाएगा।
नौकरी के बावजूद करते हैं रेगुलर पाठ्यक्रम
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में भोजपुर, रोहतास, कैमूर और बक्सर जिले के छात्र-छात्राओं का नामांकन होता है। इसमें जो छात्र-छात्राए इंटर के बाद नौकरी में चले जाते हैं। इसमें कई छात्र -छात्राएं चोरी-छिपे स्नातक और पीजी में नामांकन लेते हैं।
नौकरी में रहते हुए रेगुलर पाठ्यक्रम में नामांकन नहीं ले लेने का प्रावधान है। नई शिक्षा नीति के तहत यूजीसी का नया फरमान मील का पत्थर साबित होगा। क्योंकि की लोगों की डिग्री रेगुलर पाठ्यक्रम में नामांकन के कारण रद्द हो गई।
मेजर और माइनर विषयों को बदलने की रहेगी छूट
पीजी के लिए तैयार किए गए करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार विद्यार्थियों ने यदि स्नातक में मेजर और माइनर विषय अलग रखा है। साथ ही उसी में से किसी भी मेजर और माइनर विषय से पीजी कर सकता है।
इसके साथ ही अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चयन भी किया जा सकता है। विद्यार्थियों को संकाय में परिवर्तन की भी छूट इस फ्रेमवर्क के तहत दी जाएगी।