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Buxar: सेंट्रल जेल में बंद 65 साल के विचाराधीन कैदी की मौत; स्वजन का हंगामा, 1 माह में चौथी घटना से उठे सवाल

चार दिन पूर्व सिमरी थाना क्षेत्र के बलिहार गांव में भूमि विवाद को लेकर दो भाइयों के बीच मारपीट हो गई थी जिसमें दोनों पक्ष के लोग जख्मी हुए थे। इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद पुलिस ने एक पक्ष के हीरालाल यादव (65 वर्ष) तथा उनके दो पुत्रों के अलावा दूसरे पक्ष से मृतक के भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Yogesh SahuUpdated: Fri, 30 Jun 2023 12:52 PM (IST)
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बक्सर सेंट्रल जेल में विचाराधीन कैदी की मौत से कई सवाल खड़े हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, बक्सर। बिहार के बक्सर में केंद्रीय कारागार में बंद कैदी की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार रात कैदी की अचानक तबीयत खराब हो गई, इसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जानकारी के अनुसार, मृतक भूमि विवाद के दौरान मारपीट के आरोप में केंद्रीय कारागार में बंद था। मौत की सूचना मिलने के बाद सदर अस्पताल पहुंचे स्वजन ने कारागार प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा भी किया। बता दें कि इस जेल में बीते एक माह में चार कैदियों की मौत हो चुकी है।

बलिहार गांव में हुई मारपीट मामले में गया था जेल

मिली जानकारी के अनुसार, चार दिन पूर्व सिमरी थाना क्षेत्र के बलिहार गांव में भूमि विवाद को लेकर दो भाइयों के बीच मारपीट हो गई थी, जिसमें दोनों पक्ष के लोग जख्मी हुए थे।

इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद पुलिस ने एक पक्ष के हीरालाल यादव (65 वर्ष) तथा उनके दो पुत्रों के अलावा दूसरे पक्ष से मृतक के भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

गुरुवार की रात केंद्रीय कारागार में बंद हीरालाल यादव की तबीयत खराब होने पर उन्हें सदर अस्पताल भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने कैदी को मृत घोषित कर दिया।

सिपाही बोला- मुझे कुछ नहीं पता, मैं अभी आया हूं

मामले में मृतक के पुत्र अंकेश ने बताया कि गुरुवार की रात जेल प्रशासन की ओर से फोन आया था कि हॉस्पिटल आकर अपने पिता से मिल लीजिए। अस्पताल पहुंचने पर वहां एक सिपाही के सिवा दूसरा कोई नहीं मिला।

घटना कैसे हुई है इस बारे में पूछने पर सिपाही ने कहा कि वह अभी आया है, उसे कुछ भी जानकारी नहीं है। इसके बाद घरवालों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते जमकर हंगामा किया।

इस संबंध में केंद्रीय काराधीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया, परंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। वहीं, कारागार उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह ने बताया कि मारपीट के मामले में मृतक समेत उनके दो बेटों के अलावा दूसरे पक्ष के भी तीन लोग जेल में दो दिन पहले लाए गए हैं।

गुरुवार रात जैसे ही हीरालाल ने तकलीफ की शिकायत की तभी उन्हें सदर अस्पताल भेज दिया गया। लेकिन संभवत: उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिससे अस्पताल पहुंचने तक उनकी मौत हो गई। इधर, करीब एक माह के अंदर केंद्रीय कारागार में बंद चार कैदियों की मौत के बाद यहां की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।

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