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Durga Puja 2024: बक्सर में इस जगह बनेगा शानदार पंडाल, दिखेगा उत्तराखंड का विष्णु मंदिर; तैयारी में जुटी समिति

Buxar News बक्सर के श्मशान मोड़ पर इस बार दशहरा में दुर्गा पूजा पंडाल का स्वरूप देवभूमि उत्तराखंड का विष्णु मंदिर होगा। 280 बांस और 100 मीटर कपड़े से बनेगा पंडाल ऊंचाई होगी 28 से 30 फीट। माता की मूर्ति के निर्माण में आएगा करीब 1 लाख 20 हजार रुपये का खर्च। समिति सहयोग के रूप में चंदा स्थानीय लोगों से इकट्ठा करती है।

By Arvind Tiwari Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 10 Sep 2024 06:04 PM (IST)
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बक्सर के पंडाल में बनेगा उत्तराखंड का विष्णु मंदिर (जागरण)
जागरण संवाददाता, बक्सर। Buxar News: नगर के बक्सर-चौसा मेन रोड स्थित श्मशान मोड़ पर इस बार दशहरा में दुर्गा पूजा पंडाल का स्वरूप देवभूमि उतराखंड का विष्णु मंदिर होगा। इस बार दशहरा को लेकर तैयारी श्रीबाल संघ पूजा समिति से ने अभी से शुरू कर दी गई है। पूजा समिति के कोषाध्यक्ष दुर्गेश दूबे ने बताया कि इस बार 280 बांस की मांग पंडाल के कारीगर ने की है।

बांस के अलावे करीब 100 मीटर तक कपड़ा भी लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंडाल की ऊंचाई 28 से 30 फीट रहने वाली है। वहीं बजट की बात की जाए, तो इस बार पूजा समिति के पूरा बजट लगभग चार लाख रुपए के आसपास रहने वाला है। इसकी व्यवस्था को लेकर समिति अभी से लगी हुई है।

पंडाल निर्माण का कार्य मिलन दा कर रहे हैं। वे अपने कारीगर के साथ अभी से इस कार्य में लग गये हैं। वहीं मूर्ति निर्माण कार्य मदन पाल कर रहे हैं। माता की मूर्ति के निर्माण में समिति की मानें तो करीब एक लाख बीस हजार रुपए का खर्च आने वाला है। समिति सहयोग के रूप में चंदा स्थानीय सुमेश्वर स्थान, शिक्षक कालोनी, नौलखा मंदिर के पास मल्लाह टोली, आइटीआइ फील्ड के पास के मुहल्लाें के लोगों से इकट्ठा करती है।

मूर्ति रहेगी आकर्षण का केंद्र

इस श्मशान मोड़ पर मूर्ति की डिजाइन देखने लायक रहेगी। पंडाल में एक तरफ मां दुर्गा अपने उग्र रूप में सिंह पर सवार दिखने वाली हैं। मूर्ति की ऊंचाई नौ फीट रहेगी। वहीं दूसरी तरफ महिषासुर को धरती का सीने चीर कर बाहर निकलते आधा धड़ को दिखाया जायेगा। सबसे खास चीज धरती पर उतरते एलियन को इस बार पंडाल में दिखाया जाना है। इस आशय की जानकारी कोषाध्यक्ष ने दी है।

समिति का इतिहास

समिति के इतिहास पर जाएं तो यहां पूजन कार्य वर्ष 1957 से ही किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की मानें तो सर्वप्रथम पूजा किसके नेतृत्व में शुरू की गई, यह ठीक से तो याद नहीं। पर बाद में इस परंपरा को राजकुमार यादव वगैरह ने आगे बढ़ाया। वहीं बीच में किस्मत यादव, पवन दुबे, टुनटुन यादव ने इस कमान को संभाला, जो अब तक कायम हैं।

वर्तमान में टुनटुन यादव व किस्मत यादव अपने टीम के साथ समिति को संचालित कर रहे हैं। वर्तमान में कोषाध्यक्ष के रूप में दुर्गेश दुबे के अलावा सदस्य के रूप में अभिषेक कुमार, विकास गुप्ता, विकास कुमार, लक्की कुमार, ऋषभ गोंड, बिपिन कुमार, बंटी कुमार, गोलू कुमार, डिक्की कुमार, मंगरू कुमार, बच्चा कुमार समेत अन्य सहयाेगियों की भूमिका रहेगी।

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