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Buxar News: बक्सर में प्राइवेट अस्पतालों पर एक्शन, अब तक 29 को किया गया सील; डॉक्टरों के बीच मचा हड़कंप

बिहार क बक्सर जिले में प्रशासन ने अवैध निजी अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब तक 29 क्लिनिक समुचित दस्तावेज नहीं देने के कारण सील किए गए हैं। जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने कहा कि अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। जांच में अवैध पाए गए अस्पतालों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है।

By Dilip Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 30 Oct 2024 12:11 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, बक्सर: बगैर समुचित प्रक्रिया पूरी किए अवैध ढंग से चल रहे निजी अस्पतालों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। जिला प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक कुल 29 क्लिनिक समुचित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के बाद सील किए जा चुके हैं।

जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बताया कि सभी अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम, अस्पताल और जांच केंद्रों के विरुद्ध कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। अब भी कोई अवैध क्लिनिक कहीं बचा रह गया होगा, तो उसकी भी जांच कराई जाएगी।

उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देशित किया है कि कार्रवाई की जद में आने वाले सभी अस्पतालों की निगरानी करेंगे। जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सौरभ आलोक ने बताया कि जांच में अवैध पाए गए सभी अस्पतालों के खिलाफ प्राथमिकी भी कराई जा रही है।

बीते सोमवार को जिला मुख्यालय में दो अस्पताल अजंता एडवांस सर्जरी नर्सिंग हॉस्पीटल और बीएन मेमोरियल हॉस्पीटल को सीट किया गया था। 

इसके अलावा, इटाढ़ी में पांच अस्पताल जनता क्लीनिक, सोनपा हास्पीटल, जेके सिन्हा क्लिनिक, वीरभद्र संकट मोचन हास्पीटल और लाइफ हेल्थ केयर, राजपुर में चार हॉस्पिटल पलक अस्पताल, सीमा क्लीनिक, जय गुरुदेव अस्पताल और मां सरस्वती शिशु क्लिनिक को सील किया गया था। 

चौसा प्रखंड में उषा अस्पताल, इसापुर, डुमरांव में सत्यम सेवा सदन चाइल्ड केयर सेन्टर, लालगंज कड़वी स्टेशन रोड के पास आरपी अस्पताल, बिजली ऑफिस के सामने दुर्गा हॉस्पिटल को सील किया गया था। 

वहीं, ब्रह्मपुर प्रखंड के रघुनाथपुर में विश्वनाथ हास्पीटल, आर्या आयुष क्लिनिक, एमएस हास्पीटल, और दृष्टि आंख अस्पताल, चौगाईं में निदान नर्सिंग होम और लाइफ केयर नर्सिंग होम, सिमरी में डा. एम कलामुद्दीन क्लिनिक को सील करते हुए प्राथमिकी कराई गई थी।

एक अस्पताल पर कार्रवाई टाली गई

जिला मुख्यालय के बाईपास रोड में काली स्थान के पास हाईटेक मेटरनिटी एंड सर्जिकल हास्पीटल को अवैध ढंग से संचालित पाया गया है। इसके बावजूद यहां इलाजरत गंभीर मरीजों के हित में सभी मरीजों के इलाज का हवाला देते हुए इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सोमवार को कहा गया था कि यहां से मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजने के बाद कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मंगलवार को भी यहां कोई कार्रवाई नहीं की गई। सील होने वाले दूसरे अस्पतालों के मरीजों को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।

मंगलवार को सील किए गए सात अस्पताल

सोमवार को हुई जांच के आधार पर जिला मुख्यालय के प्रकाश यूरो स्टोन एवं किडनी केयर, जय माता दी चिकित्सालय, डुमरांव प्रखंड के कोरानसराय स्थित. पासवान क्लिनिक, डॉ. धर्मवीर अस्पताल, डॉ. नंद लाल तिवारी हास्पीटल, सिमरी प्रखंड के नियाजीपुर स्थित पूजा मेडिकल (दुर्गा क्लिनिक) और पीके सरकार (बंगाली क्लिनिक) को सील किया गया है।

कागजात में दुरुस्त, सुविधाओं में फिसड्डी

जिले में ऐसे भी कई निजी अस्पताल चल रहे हैं, जो खुद को कागजात के आधार पर तो दुरुस्त बताते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के मामले में फेल हैं। मरीजों के इलाज के लिए मानकों के अनुरूप सुविधा दिए बगैर कई अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं।

उदाहरण के लिए जिला मुख्यालय के ही गोलंबर और चौसा रोड में कई अस्पताल बेहद कम स्थान में मरीजों को भर्ती कर इलाज कर रहे हैं। इन अस्पतालों में मरीजों का आर्थिक दोहन भी खूब हो रहा है। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ जांच की मांग भी लोग कर रहे हैं।

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