उम्मीदें 2024: BPSC शिक्षकों के आने से बक्सर के नौनिहालों में जगी शिक्षा की उम्मीद, बदलने लगा स्कूलों का माहौल
KK Pathak News केके पाठक के कार्यभार संभालने और उनके द्वारा अपनाई गई रणनीतियों के बाद अब सरकारी स्कूलों में पहले वाली बात नहीं रह गई है। स्कूलों में माहौल बदलने लगा है। कभी-कभार विद्यालय जाने वाले शिक्षक तो अब विद्यालय जाने ही लगे हैं जिन्होंने कभी विद्यालय का रुख नहीं किया वैसे शिक्षक भी अब स्कूलों में हाजिरी बजाने लगे हैं।
राजेश तिवारी, बक्सर। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के रूप में केके पाठक (KK Pathak) के कार्यभार संभालने और उनके द्वारा अपनाई गई रणनीतियों के बाद अब सरकारी स्कूलों में पहले वाली बात नहीं रह गई है। स्कूलों में माहौल बदलने लगा है।
कभी-कभार विद्यालय जाने वाले शिक्षक तो अब विद्यालय जाने ही लगे हैं, जिन्होंने कभी विद्यालय का रुख नहीं किया, वैसे शिक्षक भी अब स्कूलों में हाजिरी बजाने लगे हैं। इसके अलावा बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाल शिक्षकों से विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद जगी है।
पहले के सापेक्ष विद्यालयों की स्थिति अब काफी बदल गई है। नियोजित और नियमित शिक्षक अब न केवल नियमित स्कूल जाने लगे हैं, बल्कि वहां समय भी देने लगे हैं। वे बच्चों को पढ़ाने लगे हैं।
विद्यालय से गायब होने पर या विलंब से विद्यालय पहुंचने पर उन्हें डर सताता रहता है कि कहीं जांच में पकड़े न जाएं। ऐसी परिस्थिति में शिक्षक समय के पाबंद हो गए हैं। जाहिर सी बात है शिक्षक जब विद्यालय में होंगे तो बच्चों को पढ़ाएंगे ही। बच्चे भी इसका अहसास कर रहे हैं कि उन्हें पहले की अपेक्षा बेहतर शिक्षा मिल रही है।
इधर, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाल शिक्षकों के विद्यालयों में योगदान करने से विद्यालयों में शिक्षकों की कमी तो दूर हो ही गई है, यह उम्मीद की जा रही है कि विद्यालयों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सुधार होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी ने बताया कि जिले में पहले से नियोजित-नियमित करीब सात हजार शिक्षक तैनात हैं और अब बीपीएससी से भी साढ़े 17 सौ शिक्षक आ गए हैं।
पहले चरण के 1757 शिक्षकों ने लिया योगदान
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाल पहले चरण के 1757 शिक्षकों ने जिले में योगदान कर लिया है। इन्हें विभिन्न विद्यालयों में भेज दिया गया है। विद्यालयों में ये शिक्षक बच्चों को पढ़ाना भी शुरू कर दिए हैं। हालांकि, ये अभी विद्यालयों में रम नहीं पाए है।
एक शिक्षक ने बताया कि इन्हें गतिविधि आधारित शिक्षा की जो ट्रेनिंग दी गई है, उस हिसाब से ये बच्चों को पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। अभी नए हैं, कुछ दिनों में ये बच्चों के साथ अच्छा मिलजुल जाएंगे।
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बिहार लोक सेवा आयोग के अंतर्गत दूसरे चरण के शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग भी शुरू हो चुकी है। 30 दिसंबर तक इनकी काउंसलिंग की जाएगी। काउंसलिंग के साथ-साथ शिक्षक अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग सेंटर भी आवंटित किए जा रहे हैं। पहले इन्हें ट्रेनिंग सेंटर में पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।तत्पश्चात, विद्यालयों में भेजा जाएगा, ताकि ये बेहतर तरीके से बच्चों को ज्ञान दान कर सकें। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि अब विद्यालयों में शिक्षकों की कमी नहीं रह जाएगी।पूरी तरह शैक्षणिक व्यवस्था पर केंद्रित होगा नया साल : डीईओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि 2023 में विद्यालयों की जांच में मूल रूप से शिक्षकों की ही जांच की गई, ताकि वे नियमित रूप से स्कूल जाने लगें। इसके अलावा, विद्यालयों में साफ-सफाई आदि पर फोकस किया गया। अब नए साल में जांच की पूरी व्यवस्था शैक्षणिक माहौल पर केंद्रित होगी।नए साल में एकेडमिक जांच की जाएगी। विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इससे शैक्षणिक व्यवस्था भी दुरुस्त हो जाएगी।यह भी पढ़ें: JDU Meeting: नीतीश-ललन की जदयू पदाधिकारियों के साथ बैठक खत्म, KC Tyagi ने बाहर आकर दिया बड़ा अपडेटLok Sabha Election 2024 : बिहार में भाजपा ने भी तय कर लीं सीटें, चाचा-भतीजा; मांझी और कुशवाहा को बस इतने पर करना होगा संतोषविद्यालयों की स्थिति अब पहले से काफी बेहतर हो गई है। शिक्षक न केवल नियमित स्कूल जाने लगे हैं, बल्कि वे बच्चों को पढ़ाने भी लगे हैं। कमजोर बच्चों के लिए वहां दक्ष के तहत अलग से कक्षाएं भी संचालित हो रही हैं। नए साल में शैक्षणिक व्यवस्था पर पूरा जोर दिया जाएगा।- अनिल कुमार द्विवेदी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, बक्सर।\