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Bihar: 'बच्चों के गुप्तांग पर मिर्ची रगड़ती हैं बालगृह अधीक्षक', कार्रवाई न होने पर चाइल्ड वेलफेयर ने DM से की शिकायत

बिहार के बक्सर में जिला मुख्यालय के बालगृह से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने वरीय अधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि यहां की अधीक्षक रेवती कुमारी बच्चों के गुप्तांग पर मिर्च रगड़कर उन्हें प्रताड़ित करती हैं। इस शिकायत पर जिला प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने जांच के बाद आरोपों को खारिज कर दिया है।

By Rajesh TiwariEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 23 Nov 2023 11:59 PM (IST)
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तीन-चार महीनों से हो रहा बच्चों का शोषण। (सांकेतिक फोटो)

जागरण संवाददाता, बक्सर। बक्सर जिला मुख्यालय के आईटीआई मोड़ स्थित बालगृह से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने वरीय अधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि यहां की अधीक्षक रेवती कुमारी बच्चों के गुप्तांग पर मिर्च रगड़कर उन्हें प्रताड़ित करती हैं।

पत्र लगभग एक महीने पहले लिखा गया था। इस शिकायत पर जिला प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने जांच के बाद आरोपों को खारिज कर दिया है। उप विकास आयुक्त ने कहा कि बच्चों को बरगला कर उनसे ऐसा कहवाया गया था।

तीन-चार महीनों से हो रहा शोषण

मिली जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर में बालगृह के बच्चों ने बाल कल्याण समिति के तत्कालीन अध्यक्ष मदन सिंह से शिकायत की थी कि अधीक्षक बच्चों के गुप्तांग पर मिर्च रगड़वाती हैं। बच्चों ने कहा था कि यह क्रम तीन-चार महीने से लगातार चल रहा है।

शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

बच्चों का यह भी कहना था कि इस बात की जानकारी बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को नहीं दी जाए, क्योंकि उनसे शिकायत करने पर वह कोई कार्रवाई नहीं करते, उल्टे बच्चों को दंडित करते हैं। ऐसे में बच्चों के अनुरोध पर अध्यक्ष ने जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल को इससे अवगत कराया।

अध्यक्ष ने फिर वही बातें दोहराई

बताया जाता है कि इसकी जानकारी जब सहायक निदेशक विकास कुमार को मिली, तो वह सीधे बाल गृह पहुंच गए। एक पक्ष का कहना है कि वहां बच्चों ने उनके और अध्यक्ष के सामने फिर वही बातें दोहराई। सहायक निदेशक इस बात से नाराज थे कि शिकायत सीधे डीएम के यहां यह बात कैसे पहुंच गई।

चर्चा यह भी है कि सहायक निदेशक ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष को उनके ही कार्यालय में ही लगभग तीन घंटे तक बंद कर दिया था। तब समिति के कुछ सदस्य भी वहां मौजूद थे।

DM ने इन अधिकारियों को सौंपी जांच

मामला तूल पकड़ा, तो जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच उप विकास आयुक्त डॉ. महेंद्र पाल की अध्यक्षता में सदर एसडीओ धीरेंद्र कुमार मिश्रा एवं डीएसओ रश्मि कुमारी को सौंप दी थी।

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब बाल कल्याण समिति के उन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो चुका है, जिनके रहते यह वाकया हुआ था।

दैनिक जागरण से बातचीत में तत्कालीन समिति से जुड़े चार में से तीन लोगों ने प्रशासन की नीयत पर सवाल उठाए, हालांकि ये लोग सामने आने को तैयार नहीं हैं।

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