Bihar Corruption News: घूस लेते पकड़े गए राजस्व कर्मचारी को निगरानी कोर्ट ने सुनाई सजा, 16 साल पहले मांगी थी इतनी रिश्वत
Bihar News निगरानी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश मो. रुस्तम ने बक्सर अंचल कार्यालय के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी नारायण चौधरी को दाखिल खारिज के लिए रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया है। दोषी को अलग-अलग धाराओं में छह महीने और एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आदेश के अनुसार दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अदालत ने इसके अलावा जुर्माना भी लगाया है।
जागरण संवाददाता, बक्सर। दाखिल-खारिज का काम अंचल कार्यालयों में बिना रिश्वत दिए होना लगभग नामुमकिन सा है। यह बात पता सभी को है, लेकिन सबूत और गवाह के बगैर भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी खुलेआम यह गंदा खेल खेलते रहते हैं।
ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पटना स्थित विशेष निगरानी न्यायालय के फैसले ने सख्त संदेश दिया है। निगरानी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश मो. रुस्तम ने बक्सर अंचल कार्यालय के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी नारायण चौधरी को दाखिल खारिज के लिए रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया है।
जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त सजा
साथ ही आरोपित को अलग-अलग धाराओं में छह महीने और एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा दोनों धाराओं में 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर एक महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा।
दाखिल-खारिज के लिए मांगी थी रिश्वत
यह मामला 27 जून 2008 का है। बृज किशोर प्रसाद ने अपनी जमीन का दाखिल-खारिज करने के लिए सदर अंचल में आवेदन दिया था। इसके बदले में राजस्व कर्मचारी ने तब चार हजार रुपए मांगे थे। इसकी सूचना प्रभावित पक्ष ने निगरानी ब्यूरो को दी। निगरानी ने सत्यापन में मामला सही पाया।
इसके बाद 26 जून को निगरानी के अधिकारी आवेदक के साथ राजस्व कर्मचारी से पहचान छिपाकर मिले। उनके सामने भी राजस्व कर्मचारी ने रिश्वत मांगी। अगले दिन 3200 रुपए देने की बात तय हुई। उसी दिन सिविल लाइंस मुहल्ला स्थित किराया के आवास से राजस्व कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया गया। प्रभारी लोक अभियोजक किशोर कुमार सिंह ने यह जानकारी दी।
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