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Bihar News: पैक्सों में रफ्तार नहीं पकड़ रही धान की खरीद, किसान के खेतों से ही धान खरीद ले जा रहे व्यापारी

किसान धान बिक्री में सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। बिना किसी भागदौड़ के किसानों का धान खलिहान से ही बिक जा रहा है। वह भी पैक्स से अधिक कीमत पर। खुले बाजार में वर्तमान कीमत नकद में दो हजार रुपये प्रति क्विंटल है। सरकार इस साल समर्थन मूल्य सामान्य धान का 2183 तथा ग्रेड ए का मूल्य 2204 रुपए निर्धारित किया है।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 27 Dec 2023 05:59 PM (IST)
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किसान के खेतों से ही धान खरीद ले जा रहे व्यापारी। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, बक्सर। पिछले साल की तुलना में धान बिक्री में सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ लेने में किसान रुचि नहीं दिखा रहे हैं। बिना किसी भाग-दौड़ के किसानों का धान खलिहान से ही बिक जा रहा है। वह भी पैक्स से अधिक कीमत पर।

खुले बाजार में वर्तमान कीमत नकद में दो हजार रुपए प्रति क्विंटल है। दो महीने बाद पैसा लेना हो, तो 2200 से 2250 रुपए क्विंटल मूल्य देने में व्यवसायी धान की खरीद कर रहे हैं। लिहाजा किसान पैक्सों से अधिक मूल्य खुले बाजार में अपने खेतों की उपज पर ले रहे हैं।

इस साल धान का समर्थन मूल्य

सरकार इस साल समर्थन मूल्य सामान्य धान का 2183 तथा ग्रेड ए का मूल्य 2204 रुपए निर्धारित किया है। उसमें भी मानक के अनुरूप धान हो तभी खरीदारी पैक्सों में होगी। व्यवसायी खेत व खलिहान से धान की खरीद अपने मजदूरों तथा अन्य संसाधनों के माध्यम से कर रहे हैं।

अतिरिक्त मेहनत व खर्च की बचत 

व्यापारी के हाथों धान बेचने में किसानों को किसी प्रकार की मेहनत व आर्थिक खर्चा नहीं करना पड़ रहा है, जबकि सहकारी समितियों में बिक्री में कई तरह के झमेले हैं। पहले खलिहान से अपने बोरी में मजदूरों के सहारे भरकर वाहनों से बिक्री केंद्र पर ले जाना पड़ता है। उसमें में प्रति क्विंटल करीब तीन से चार किलो धान अधिक देना पड़ता है।

साथ ही विभिन्न ख़र्च के रूप में करीब 150 रुपए अतिरिक्त वहन करना पड़ता है। इससे बचाव के लिए किसान व्यवसायी को धान की बिकी कर रहे हैं। जिले में धान खरीद का आंकड़ा काफी कम है।

पैक्सों में रफ्तार नहीं पकड़ रही धान खरीद

बुधवार की शाम तक 126 पैक्स एवं छह व्यापार मंडल में मात्र 13257 टन धान की खरीद हो पाई है। वह भी केवल 1352 किसानों से, जबकि धान विकी के लिए पोर्टल पर 13928 किसानों ने अपना आवेदन ऑनलाइन पंजीकरण किया है। फिर भी धान खरीद की रफ्तार गति नहीं पकड़ रही है।

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