डुमरांव स्टेशन पर दिखेंगी बिस्मिल्लाह खां की यादें
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खां की पहचान को डुमरांव में स्थापित करने की पहल रेलवे ने की है। उस्ताद का चित्र बु¨कग काउंटर की दीवार पर बनाया गया है। जिसमें शहनाई की मधुर गूंज को दुनिया तक उस्ताद ने पहुंचाया था।
बक्सर । भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खां की पहचान को डुमरांव में स्थापित करने की पहल रेलवे ने की है। उस्ताद का चित्र बु¨कग काउंटर की दीवार पर बनाया गया है। जिसमें शहनाई की मधुर गूंज को दुनिया तक उस्ताद ने पहुंचाया था। रेलवे ने भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पहचान को डुमरांव से जोड़े रखने के लिए यह कवायद शुरू की है। पिछले 2 माह से स्थानीय स्टेशन पर शहनाई बजाते उस्ताद की यह कृति हर आने-जाने वाले का मन मोह रहा है। हालांकि, इस योजना में रेलवे ने अपने हर उद्घोषणा में शहनाई की उस मधुर गूंज को भी शामिल किया है। जिसकी पूरी दुनिया दीवानी रही है। स्टेशन की उद्घोषणा में उस्ताद के शहनाई की सुरीली आवाज बंद हो चुकी है। जबकि, रेलवे डुमरांव स्टेशन को हर उद्घोषणा में शहनाई की मधुर गूंज को शामिल करने का पहले ही निर्देश दे चुका है। सिर्फ दो बार उद्घोषणा में सुनाई दी है शहनाई की गूंज डुमरांव स्टेशन पर उद्घोषणा के दौरान सिर्फ दो बार शहनाई की गूंज सुनाई दी है। पहली बार 22 मार्च को बिहार दिवस के मौके पर, उसके बाद दूसरी बार 12 अगस्त को शहनाई की गूंज सुनाई दी थी। जब भारत सरकार के केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल का डुमरांव एवं आरा में आगमन हुआ था। उसके बाद रेलवे अपनी उद्घोषणा में शहनाई की धुन शामिल नहीं किया। उस्ताद के साथ निर्देश के बावजूद इस सौतेले व्यवहार से उनके चाहने वालों में गहरी नाराजगी है। यात्री कल्याण समिति को नहीं रास आ रही रेलवे की पहल यात्री कल्याण समिति को रेलवे की यह पहल तनिक भी रास नहीं आ रही। यात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन ¨सह का कहना है कि रेलवे की यह पहल मर्यादा के अनुरूप नहीं है। उस्ताद भारत रत्न से सम्मानित हैं। ऐसे महान विभूति का चित्र सिर्फ दीवार पर उकेर देना उनका यथोचित सम्मान नहीं है। जिस स्टेशन से उनका जुड़ाव हो रहा है। वहां उनकी संगमरमर की प्रतिमा होनी चाहिए। समिति ने रेलवे से मां डुमरेजनी और राजा भोज के नवरत्नगढ़ किला को भी डुमरांव स्टेशन से जोड़ने की मांग करते हुए कहा है कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान असल में एक ¨जदादिल कलाकार थे। उनके नाम पर रेलवे को कला भवन और उनके मजबूत पहचान वाला कार्य करना चाहिए। साथ ही, डुमरांव स्टेशन पर नियमित रूप से हर एक उद्घोषणा में शहनाई की गूंज सुनाई जानी चाहिए।