Bihar News बिहार के बक्सर जिले में हर साल 14 दिन के लिए एक सड़क को बंद कर दिया जाता है। ऐसा होने से लाखों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। लोगों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए कच्चे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में यहां के लोग सालों से नया बाईपास बनाने की मांग भी कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर (बक्सर)। Bihar News : स्थानीय प्रखंड की 10 पंचायतों के लोगों के आवागमन के लिए ब्रह्मपुर-रघुनाथपुर सड़क मार्ग (Brahmapur Raghunathpur Road) सबसे प्रमुख रास्ता है। एक बड़ी आबादी के लिए रेलवे स्टेशन और अस्पताल जाने का रास्ता भी यही है।
ब्रह्मपुर के आसपास के लोगों को बगेन, चौगाईं, कोरानसराय जाने के लिए यही मार्ग है। इसी तरह दूसरी दिशा से बक्सर-पटना एनएच (Buxar-Patna NH) पर आने के लिए यही रास्ता उपयुक्त है। लेकिन ब्रह्मपुर मंदिर (Brahmapur Temple) पर अलग-अलग अवसरों पर लगने वाले मेले के दौरान यह रास्ता सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद हो जाता है।
ऐसी स्थिति फाल्गुन की महाशिवरात्रि के अलावा सावन महीने में हर सोमवारी, शिवरात्रि और प्रदोष के दिन होती है। इस स्थिति में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आलम यह है कि लाखों लोगों को साल में 14 दिन रघुनाथपुर स्टेशन या अस्पताल आने-जाने का कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं होता।
साथ ही खुद ब्रह्मपुर नगर पंचायत की कुल 20 हजार की आबादी भी अपने घरों में कैद हो जाती है। हालत ऐसी होती है कि स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को अपने गांव पहुंचने के लिए तीन गुना लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। इतनी परेशानी के बाद भी यहां बाईपास (Brahmapur Bypass) सड़क तैयार करने की कोई योजना प्रशासन के स्तर पर नहीं दिखती है।
ब्रह्मपुर प्रखंड में उत्तरी क्षेत्र के गायघाट, निमेज, हरनाथपुर, उत्तरी नैनीजोर, दक्षिणी नैनीजोर, महुआर, बैरिया, गहौना, योगियां और नगर पंचायत ब्रह्मपुर के लाखों लोगों को रघुनाथपुर स्टेशन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य जगहों पर जाने के लिए एकमात्र मार्ग यही है। इसके अलावा समीपवर्ती भोजपुर जिले के लगभग एक दर्जन गांवों के लोग भी रघुनाथपुर स्टेशन से ही आवागमन करते हैं।
ब्रह्मपुर में बाईपास के लिए मौजूद हैं दो रास्ते
सरकार ब्रह्मपुर-रघुनाथपुर सड़क मार्ग (Brahmapur-Raghunathpur Road) का चौड़ीकरण करना चाहती है। हालांकि, इससे समस्या का पूरा समाधान होता दिख नहीं रहा है। यही वजह है कि स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
गायघाट पंचायत के मुखिया हरेंद्र सिंह तथा उत्तरी नैनिजोर पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि ठाकुर प्रसाद का कहना है कि बाईपास रोड निकालकर इस समस्या का समाधान हो सकता है।इसके लिए ब्रह्मपुर चौरास्ता से पश्चिम गरहथा गांव के समीप बक्सर-पटना एनएच 922 (Buxar Patna NH 922) से दक्षिण तरफ कच्ची सड़क अथवा पूर्व दिशा में महाराजगंज के सामने वाली कच्ची सड़क का इस्तेमाल किया जा सकता है। दोनों तरफ से बाईपास सड़क को रघुनाथपुर मार्ग में मिलाया जा सकता है।
कहते हैं लोग
कुछ वर्षों से ब्रह्मपुर प्रखंड की 10 पंचायतों के लोग रास्ता बंद होने की समस्या झेल रहे हैं। लाखों की आबादी की इस गंभीर समस्या के बाद भी बाईपास सड़क का निर्माण नहीं होना गंभीर चिंता का विषय है। इससे जनता में आक्रोश बढ़ते जा रहा है। - प्रो. बलिराज ठाकुर, नेता, कांग्रेस
साल में 14 या 15 दिनों तक सड़क को सील कर देने से नगर पंचायत के लोग कैद हो जाते हैं। अस्पताल, स्टेशन, कॉलेज जाने वाले लोग भारी संकट में फंस जाते हैं। मरीज के समक्ष तो जीवन-मरण की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए बाईपास सड़क यहां का बड़ा मुद्दा और गंभीर समस्या है। - शंभू नाथ पांडे, संयोजक, गंगा समग्र, दक्षिण बिहार प्रांत
विकास के नाम पर यहां के लोगों को बर्बाद करने का काम किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की समस्या और कथित विकास की उपयोगिता का मूल्यांकन किए बिना करोड़ों रुपये का खर्च लूट की योजना से अधिक कुछ भी नहीं है। - नागेंद्र मोहन सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता
लाखों लोगों की समस्या को नजरअंदाज कर प्रशासन द्वारा रास्ते को बंद कर दिए जाने से कई लोगों के समक्ष जीवन मरण का संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसी स्थिति में बाईपास सड़क का निर्माण विकास का पैमाना है। - संदीप कुमार राय, सामाजिक कार्यकर्ता
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