Buxar News: बक्सर में जज के सामने वकील को आया हार्ट अटैक, तड़पते हुए गई जान; सीपीआर भी नहीं किया काम
बक्सर जिला न्यायालय में एक अधिवक्ता की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अधिवक्ता सुरेंद्र तिवारी (66 वर्ष) एक केस की पैरवी कर रहे थे जब अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे गिर पड़े। न्यायाधीश ने तत्पर होकर डॉक्टर बुलाया और सीपीआर देने की कोशिश की लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अधिवक्ता वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन तिवारी के भतीजे थे।
जागरण संवाददाता, बक्सर। Buxar News: स्थानीय जिला न्यायालय में मुकदमे की पैरवी कर रहे अधिवक्ता की न्यायाधीश के सामने ही हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। इससे पहले न्यायालय कक्ष में उनके अचानक गिरते ही उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई। खुद न्यायाधीश ने अपनी कुर्सी से उतरकर उन्हें सीपीआर देने की कोशिश की। उन्हें न्यायाधीश की ही निजी गाड़ी से तत्काल सदर अस्पताल ले जाया गया।लेकिन पूरी कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
दोपहर में बिगड़ी तबीयत
जिले के बभनी गांव के निवासी अधिवक्ता सुरेंद्र तिवारी (66 वर्ष) एक केस के सिलसिले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश दशम राकेश कुमार राकेश के न्यायालय में बहस कर रहे थे। दोपहर लगभग 11.35 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे जमीन पर गिर पड़े।न्यायाधीश ने खुद तत्पर होकर तुरंत डाक्टर को बुलाया और तब तक अधिवक्ता की मदद में जुटे। इधर न्यायालय में पदस्थापित चिकित्सक ने उनका प्रारंभिक इलाज और सीपीआर भी किया, लेकिन उनको होश नहीं आ सका। इसके बाद तत्काल उन्हें सदर अस्पताल बक्सर पहुंचाया गया, जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन तिवारी के भतीजे थे मृतक अधिवक्ता
दिवंगत अधिवक्ता वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन तिवारी के भतीजे थे। वह पटना विश्वविद्यालय से विधि स्नातक कर न्यायालय में 40 साल से प्रैक्टिस कर रहे थे। न्यायालय में वेद, अद्वैत, धर्म, ध्यान आदि पर दिनभर चर्चा करते रहते थे। उनके निधन की खबर सुनते ही न्यायालय परिसर में शोक की लहर दौड़ गई। कई न्यायालय में तत्काल कार्य स्थगित कर दिया गया।
सिवान में इलाज के दौरान कैदी की मौत
सोमवार की संध्या सिवान के सदर अस्पताल में इलाज के दौरान एक सजायाफ्ता बंदी की मौत हो गई। मृतक की पहचान गुठनी थाना क्षेत्र के खारिक टोला निवासी अयोध्या प्रसाद यादव के रूप में की गई। घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि दो वर्ष पूर्व जमीन विवाद को लेकर मारपीट हुई थी। इसमें प्राथमिकी हुई थी और पुलिस ने अयोध्या प्रसाद यादव और उनके दो पुत्र संतोष यादव और विजय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दी थी।इसके बाद तीनों जमानत पर बाहर थे। बीते पांच अक्टूबर को न्यायालय द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई। रविवार की रात्रि 9:00 बजे जेल प्रसाशन द्वारा सूचना मिली कि अयोध्या प्रसाद यादव को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और जेल प्रशासन ने उन्हें सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया।इसके बाद स्थिति गंभीर देखते हुए सोमवार की सुबह तकरीबन 11:00 बजे सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया। हालांकि, प्रसाशनिक अनुमति नहीं मिलने के कारण परिजन सदर अस्पताल में ही इलाज करवा रहे थे। जहां सोमवार की संध्या उनकी मौत हो गई। इधर मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।
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