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Buxar News: बक्सर में मोक्षधाम के निर्माण में आई बड़ी समस्या, बिहार से लेकर यूपी तक के लोगों को इंतजार

Buxar News बक्सर के चरित्रवन श्मशान घाट का विकास कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है। बिजली और लकड़ी के शवदाह गृहों के साथ अन्य सुविधाओं से लैस होने जा रहा यह मुक्तिधाम अगले साल मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस योजना के तहत करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए की लागत से छह शवदाह गृह बन रहे हैं।

By Dilip Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 12 Sep 2024 03:45 PM (IST)
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बक्सर में बन रहे मोक्षधाम में आई बड़ी बाधा (जागरण)
जागरण संवाददाता, बक्सर। मोक्षदायिनी गंगा नदी को साफ एवं स्वच्छ रखने के लिए चरित्रवन स्थित श्मशान घाट का विकास किया जा रहा है। यहां बिजली और लकड़ी के शवदाह गृह बनाए जा रहे हैं। इसके लिए चहारदीवारी का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

लेकिन निर्माण की गति बेहद सुस्त है। फिलहाल यहां निर्माण कार्य बंद पड़ा है। बेगूसराय के सिमरिया और वाराणसी के बीच में यह सबसे अधिक व्यस्त रहने वाला श्मशान घाट है। यहां पुराने शाहाबाद क्षेत्र के चार जिलों से लाेग अपने प्रियजन का अंतिम संस्कार करने आते हैं।

यहां बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण लाेगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्वच्छ पेयजल से लेकर बैठने के लिए सुरक्षित शेड तक का यहां सर्वथा अभाव है।

स्थानीय श्मशान घाट को विकसित करने की मांग लंबे समय से होती रही है। कई बार इसके लिए प्रस्ताव आया, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतर सकी।

करीब दो दशक लंबे इंतजार के बाद इसके विकास की योजना धरातल पर उतरते दिख रही है। लेकिन इसमें भी लगातार बाधाएं खड़ी होती दिख रही हैं। शुरुआत में एक पक्ष की ओर से योजना के लिए चिह्नित भूखंड पर दावा किए जाने के कारण यह मामला फंस गया था।

इसका निदान हुआ और निर्माण कार्य शुरू हुआ, तो अब संबंधित एजेंसी ही सुस्त पड़ गई है। निर्माण कार्य को जल्द चालू करने के लिए बुडको ने संवेदक को पत्र लिखा है। इधर योजना को कार्यान्वित करने वाली एजेंसी के स्तर से मनमानी स्पष्ट दिख रही है।

इसकी निगरानी करने वाले भी चुप्पी साधे हुए हैं। कार्यस्थल पर योजना की प्रकृति और लागत की जानकारी देने के लिए कोई सूचनापट्ट तक नहीं लगाया गया है। इससे आमजन को इस योजना के बारे में बहुत अधिकारी जानकारी नहीं मिल पा रही है। योजना कब से शुरू हुई? लागत क्या है? पूरी कब होगी? ऐसे सवालों को निर्माण एजेंसी ने गोपनीय रखा है। हालांकि सरकार के निर्देश के अनुसार योजना स्थल पर प्राक्कलन का बोर्ड लगाना जरूरी है।

निर्माण पूरा हुआ तो मिलेगी बेहतर सुविधाएं

योजना के तहत कार्य पूरा होने के बाद मुक्तिधाम में लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होने लगेंगी। घाट पर करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए की लागत से छह शवदाह गृह बन रहे हैं। इनमें दो शवदाह गृह बिजली चालित तथा चार लकड़ी आधारित होंगे। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना दो अंतर्गत यह कार्य किया जा रहा है।

यहां पंजीकरण काउंटर, केयर टेकर के लिए कमरा, वेटिंग हाल, दो दुकानें एवं शौचालय सहित अन्य सुविधा उपलब्ध रहेंगी। बिजली चालित शवदाह गृह बनाए जाने से नदी का प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण भी कम होगा। साथ ही लकड़ी की अपेक्षा काफी कम लागत में दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।

कभी नहीं ठंडी होती चिता की आग

शहर के उत्तरायणी गंगा के किनारे स्थित चरित्रवन शमशान घाट पर वाराणसी के मणिकर्णिका घाट की तरह चिता की आग कभी ठंडी नहीं होती है। रात में एक घंटा छोड़कर यहां दिन व रात 24 घंटे अंतिम संस्कार किया जाता है। मान्यता है कि चरित्रवन शमशान घाट पर अंतिम संस्कार करने पर मृत आत्मा को मोक्ष मिल जाता है। चरित्रवन शमशान घाट पर बक्सर जिले के साथ ही भोजपुर, रोहतास, कैमूर जिलों तथा सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के बलिया और गाजीपुर तक के लोग अपने प्रियजन की मृत्यु होने पर उनका अंतिम संस्कार करने आते हैं।

गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने पर निर्माण कार्य में परेशानी आ रही थी। कार्यस्थल के आसपास ही शवों को जलाया जा रहा था। इससे निर्माण कार्य में जुटे मजदूरों को परेशानी हो रही थी। इसी वजह से कार्य बंद हुआ था। अब पानी खिसकने के साथ संवेदक को पत्र देकर निर्माण पुन: शुरू करने को कहा गया है। अगले साल मार्च तक इसका निर्माण हो जायेगा।

- अखिलेश कुमार, परियोजना निदेशक, बुडको

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