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Shadi Shubh Muhurat 2024: इस तारीख से रुक जाएंगे सभी मांगलिक कार्य, नवंबर-दिसंबर में फिर बजेगी शहनाई

देवशयनी एकादशी के अगले दिन गुरुवार से हिंदुओं के वैवाहिक लग्न मुहूर्त पर विराम लग जाएगा। ग्रीष्म ऋतु में प्रारंभ वैवाहिक लग्न मुहुर्त की अंतिम तिथि बुधवार को है। शेष वैवाहिक लग्न मुहूर्त इस वर्ष शरद ऋतु में 17 नवंबर से प्रारंभ हो रहे हैं जो 15 दिसंबर तक हैं। इसके अंतर्गत नवंबर महीने में 8 दिन और दिसंबर के महीने में 10 दिन लग्न मुहूर्त बताए गए हैं।

By Girdhari Agrwal Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 15 Jul 2024 02:38 PM (IST)
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इस तारीख से रुक जाएंगे सभी मांगलिक कार्य, नवंबर-दिसंबर में फिर बजेगी शहनाई (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गिरधारी अग्रवाल, बक्सर। Vivah Muhurat 2024 अंतिम वैवाहिक लग्न मुहूर्त 17 तारीख दिन बुधवार को रात्रि 1:22 बजे तक है। इसी दिन देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2024) भी है। पौराणिक ग्रंथों का मानना है कि इस दिन से भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवता अगले चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस कारण इस चार मास में कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे।

प्रसिद्ध कर्मकांडी आचार्य अमरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया कि इन चार माह में सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इस कारण चातुर्मास में भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा किए जाने की परंपरा है।

उन्होंने बताया की आषाढ़ मास में चंद्रमा पूर्वाषाढ़ और उत्तराषाढ़ नक्षत्र में गोचर करते हैं। इसी कारण इस मास को आषाढ़ कहा जाता है। आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी अथवा हरिशयनी एकादशी भी कहते है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन से भगवान विष्णु देवउत्थान (प्रबोधिनी) एकादशी (12 नवंबर) पूर्व तक विश्राम की अवस्था में आ जाते हैं। इस कारण कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य इस चातुर्मास में नहीं किए जाने का विधान है।

शेष लग्न मुहूर्त नवंबर-दिसंबर में

आचार्य ने बताया कि देवशयनी एकादशी के अगले दिन गुरुवार से हिंदुओं के वैवाहिक लग्न मुहूर्त पर विराम लग जाएगा। ग्रीष्म ऋतु में प्रारंभ वैवाहिक लग्न मुहुर्त की अंतिम तिथि बुधवार को है। शेष वैवाहिक लग्न मुहूर्त (Vivah Muhurat November December) इस वर्ष शरद ऋतु में 17 नवंबर से प्रारंभ हो रहे हैं, जो 15 दिसंबर तक हैं। इसके अंतर्गत नवंबर महीने में 8 दिन और दिसंबर के महीने में 10 दिन यानी कि कुल 18 शुभ लग्न मुहूर्त वाराणसी पंचांग के अनुसार बताए गए हैं।

साल 2025 में 16 जनवरी से लग्न मुहूर्त

आचार्य ने बताया कि साल 2025 में 16 जनवरी से लग्न मुहूर्त (Shadi Muhurat January 2025) प्रारंभ होंगे। वाराणसी पंचांग रूपेण साल के प्रारम्भिक तीन महीने में मध्यम, उत्तम योग के कुल 36 वैवाहिक शुभ लग्न मुहूर्त हैं। जो 16 जनवरी से 13 मार्च के मध्य विभिन्न तिथियों में विवाह योग के शुभ मुहुर्त बताए गए हैं।

21 तारीख को है गुरु पूर्णिमा

इस महीने की 21 तारीख दिन रविवार को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) महोत्सव है। इस दिन शिष्यों का अपने गुरु के प्रति अविचल आस्था की धारा बहने वाली है। मठ-मंदिरों में भी इसकी तैयारी जारी है। जहां एक तरफ नए बाजार स्थित सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम में नेहनिधि पूज्य श्री नारायण दास भक्तमालि की प्रतिमा और चरण पादुका का विधिवत वंदन व पूजन किया जाएगा, वहीं स्टेशन रोड स्थित लक्ष्मी-नारायण मंदिर में तथा चरित्रबन स्थित त्रिदंडी स्वामी जी महाराज की समाधि स्थल पर महंत अयोध्यानाथ स्वामी महाराज की सानिध्य में पूजन कार्य संपन्न होंगे।

इस विशेष तिथि महोत्सव पर कई श्रद्धालु भक्त श्री लक्ष्मीप्रपन्न जियर स्वामी महाराज के दर्शन पूजन हेतु सिंगरा, मेदिनीनगर (डाल्टेनगंज) तक की यात्रा करेंगे।

22 से श्रावणी महोत्सव

आचार्य ने बताया कि आषाढ़ मास 23 जून से प्रारंभ हुआ था जो 21 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसके अगले दिन 22 तारीख (दिन सोमवार) से श्रावणी महोत्सव (Shravani Mela 2024) आरंभ हो जाएगा। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु के योग निद्रा में चले जाने के बाद सृष्टि का संचालन देवाधिदेव शिव करते हैं, इसलिए भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा की जाती है और सावन का महीना महादेव शिव को अति प्रिय है।

इस कारण पूरे सावन भक्त शिव की उपासना करते हैं। इस बार सावन में कुल पांच सोमवार व्रत हैं, जो 22 जुलाई, 29 जुलाई, पांच अगस्त, 12 अगस्त एवं 19 अगस्त को है। विशेष बात यह है कि यह महीना सोमवार से प्रारंभ होकर सोमवार को ही समाप्त हो रहा है।

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