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Filariasis Medicine: लगातार सिर्फ 5 साल खाएं फाइलेरिया की दवा, फिर कभी नहीं होगी ये बीमारी

Anti Filariasis Medicine फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है। यदि कोई व्यक्ति इससे संक्रमित होता है तो उसे बीमारी होने में करीब पांच से दस साल लग जाते हैं । फाइलेरिया होने पर हाथ-पैर और हाईड्रोसिल में सूजन आ जाती है। हालांकि यदि समय पर सतर्कता बरती जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।

By Rajesh Tiwari Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 08 Aug 2024 05:16 PM (IST)
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फाइलेरिया रोधी दवा लगातार पांच साल खाने के बाद ये बीमारी नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, बक्सर। फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। देश में अपंगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण भी फाइलेरिया है, लेकिन यह जितनी जटिल बीमारी है, उतना ही सरल इसका निदान भी है।

एमडीए (सर्वजन दवा सेवन) अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं का लगातार पांच साल इस्तेमाल करने से बीमारी से मुक्ति मिल जाती है। हालांकि, इसके लिए लोगों को तत्पर रहना होगा।

अपनी सहभागिता निभानी होगी। 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खानी है और अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके उपयोग के लिए समझाना है।

बीमारी की नहीं बचाव की दवा है

विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल को-आर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि एमडीए अभियान के दौरान दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया बीमारी की नहीं बल्कि इससे बचाव की दवा है।

इसे हर स्वस्थ व्यक्ति को खाना चाहिए। अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाएं लोगों तक उपलब्ध कराएंगे।

ये लोग भूलकर भी न लें दवा 

दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवाएं नहीं दी जाएंगी। फाइलेरिया से बचाव के साथ एमडीए दवाइयों से कई दूसरे लाभ भी हैं।

उन्होंने बताया कि इस रोग के संक्रमण से बचाव के लिए यह दवा सभी लोगों को खिलाई जाती है। प्रभावित क्षेत्र में रह रहे समुदाय के सभी लोगों को फाइलेरिया के संक्रमण होने का खतरा बना रहता है, इसलिए यह जरूरी है कि सभी लोग फाइलेरिया रोधी दवाइयों का सेवन करें।

दीर्घकालिक दिव्यांगता के प्रमुख कारणों में से एक है फाइलेरिया

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक दिव्यांगता के प्रमुख कारणों में से एक है।

आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। यदि इसका इलाज न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है।

उन्होंने बताया कि हाथी पांव, हाइड्रोसील, स्तन व हाथों में सूजन फाइलेरिया के संक्रमण से होने वाले दुष्प्रभाव हैं। ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं।

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