बक्सर में लगातार तीसरे दिन भी शुक्रवार को पश्चिमी हवा का जोर पूरे दिन बना रहा। तापमान ने इस मौसम के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। आसमान में मंडराते बादलों से भी प्रचंड गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। ऐसे में लोगों को वर्षा का इंतजार है।
By Girdhari AgrwalEdited By: Yogesh SahuUpdated: Fri, 16 Jun 2023 08:32 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बक्सर। लगातार तीसरे दिन भी शुक्रवार को भी पश्चिमी हवा का जोर पूरे दिन बना हुआ था। तमतमाए सूरज की चिलचिलाती किरणों से ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे आसमान से अंगारे बरस रहे हों।
तीखी धूप में गर्म हवा बदन को सेंक रही है और धरती सुलग रही है। दूसरी ओर आसमान में आंशिक बादल मंडराते तो दिखे पर राहत नहीं मिली।अब केवल लोगों को वर्षा का बेसब्री से इंतजार है।
शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र के लघु मौसम ताप माप केंद्र, कुकुढ़ा से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौसम का न्यूनतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
जो अब तक के सीजन का सबसे अधिक है। गर्मी की इस त्रासदी में वर्षा का इंतजार सभी को है, उसमें सबसे अधिक बेचैन किसान हैं।
नोनियापुर-मंगोलपुर के वयोवृद्ध किसान नागेश्वर प्रसाद सिंह बताते हैं कि खरीफ फसल की पैदावार के लिए 10 नक्षत्र (रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुख, अश्लेसा, माघा, पुरवा, उतरा व हथिया) बेहतर माने जाते हैं।
फिलहाल, आठ जून की मध्यरात्रि की बाद से मृगशिरा नक्षत्र प्रारंभ है और इस नक्षत्र में तपन बनी भी रहती है। रोहिणी से मघा नक्षत्र तक की बारिश धान के लिए सबसे बेहतर होती है।
इसी में धान की बुआई से लेकर रोपाई और बाली निकलने व दाना बनने की प्रक्रिया होती है। लेकिन, जिले में प्री-मानसून की वर्षा का भी बुरा हाल रहा है।
रोहिणी नक्षत्र में भी एक दिन बादलों ने साथ दिया। उसके बाद से निरंतर तपन जारी है। इस प्रचंड गर्मी में शहर की सड़कों पर दोपहर में तो सन्नाटा पसर ही जा रहा है।
शुक्रवार को हवा के वेग में गंगा में उठती लहरों को देख नौकाओं का परिचालन भी नहीं हुआ। इस बाबत बीरबल चौधरी, मुंशी चौधरी, पप्पू चौधरी आदि ने बताया कि दो-तीन दिन से गंगा में लहर काफी है, ऐसे में नौका का परिचालन कम हो रहा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।