'रात को अकेले में छिपकर रोती हूं, बच्चों का बाप तो नहीं बन सकती', दर-दर भटक रही बक्सर की हेमा को मदद का इंतजार
सड़क दुर्घटना में पति की दर्दनाक मौत के बाद उजड़ गया हेमा का सुहाग बाल बच्चों के साथ दर-दर भटक रही विधवा। 17 मई को कोरानसराय में ट्रक की चपेट में आने से हुई थी पति की मौत। अब तक नहीं मिली राहत राशि।
By Ranjit Kumar PandeyEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sat, 15 Apr 2023 10:09 PM (IST)
रंजीत कुमार पांडेय, डुमरांव (बक्सर)। सड़क दुर्घटना में पति की मौत के बाद अपने बाल-बच्चों के लिए मैं एक अभागिन मां हूं, जो किसी तरह भरण-पोषण कर रही हूं।
आठ साल की बेटी अनुष्का और छह साल का बेटा अंकित राज जब गुमसुम होते हैं, तो मेरे पास छिपकर रोने के सिवाय कुछ नहीं बचता।सड़क दुर्घटना में पति के असमय चले जाने का गम मुझे और मेरे बाल-बच्चों को खा रहा है। खुद असहाय होते हुए भी बाल-बच्चों को खुश करने की कोशिश करती हूं, लेकिन इन बच्चों का बाप तो नहीं बन सकती।
ये अल्फाज पिछले 17 मई को कोरान सराय में सड़क दुर्घटना में मौत का शिकार हुए अजय गुप्ता की पत्नी हेमा के हैं।तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से मॉर्निंग वॉक पर निकले पति की मौत के बाद हेमा कुमारी का घरौंदा बिखर गया।
सड़क दुर्घटना में पति को खो देने के बाद मुआवजे के लिए यह महिला अधिकारियों के यहां दौड़ लगाकर थक चुकी है, लेकिन कहीं से आज तक न्याय नहीं मिला।
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