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Kartik Purnima 2024: शुक्रवार को है कार्तिक पूर्णिमा, पढ़ें शुभ मुहूर्त से लेकर गंगा स्नान का सही समय

कार्तिक पूर्णिमा स्नान का विशेष महत्व है जो शुक्रवार को है। शैव व वैष्णव दोनों संप्रदायों के लिए यह महत्वपूर्ण है। गंगा स्नानार्थियों के आने का सिलसिला गुरुवार की शाम से जारी हो जाएगा। अलसुबह स्नान कर फर्स्ट पैसेंजर ट्रेन से लौटने का क्रम शुरू हो जाएगा। पटना में गंगा घाटों पर बैरिकेडिंग और लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है।

By Girdhari Agrwal Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 13 Nov 2024 01:44 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, बक्सर। शैव व वैष्णव दोनों ही संप्रदायों के लिए कार्तिक पूर्णिमा स्नान का विशेष महत्व है, जो शुक्रवार को है। तिथि आगमन गुरुवार की रात्रि शेष 5:22 बजे से हो गया है और यह शुक्रवार की शाम 5:09 बजे तक रह रही है और अधिक ठंडक नहीं पड़ने से अभी मौसम स्नानार्थियों के लिए अनुकूल बने हुए हैं।

इस कारण भीड़ कुछ ज्यादा ही उमड़ने की उम्मीद है। गत वर्षों के अनुभवों को देखते हुए घाट के पंडितों ने बताया कि गंगा स्नानार्थियों के आने का सिलसिला गुरुवार की शाम से ही जारी हो जाने की संभावना है।

श्रद्धालुओं के एक दिन पूर्व पहुंचने से कार्तिक पूर्णिमा का स्नान शुक्रवार की अलसुबह से ही जारी हो जाएगा। इसमें अन्य क्षेत्रों से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु महिलाएं ट्रेन के माध्यम से पहुंचती हैं। श्रद्धालुओं का अलसुबह स्नान कर फर्स्ट पैसेंजर ट्रेन से ही लौटने का क्रम शुरू हो जाता है।

हिंदू धर्मावलंबियों में कार्तिक पूर्णिमा स्नान का विशेष महत्व

दरअसल, हिंदू धर्मावलंबियों में कार्तिक पूर्णिमा स्नान का विशेष महत्व है। प्रत्येक साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने को उमड़ते हैं। धर्मावलंबियों का मानना है की भगवान विष्णु ने मत्स्य यानि मछली के रूप में प्रथम अवतार इसी दिन लिया था।

इस दिन शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का भी वध किया था। रामेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी पंडित अवधेश पांडेय, विक्की बाबा आदि ने पिछले वर्ष के अनुभवों को आधार मान बताया की श्रद्धालुओं के स्नान करने का सिलसिला शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त से ही जारी हो जाएगा।

कर्मकांडी पंडित अमरेंद्र कुमार मिश्र के मुताबिक कुश लेकर इस दिन गंगा में स्नान किए जाने से जहां सात जन्मों के पापों का नाश होता है, वहीं तिल स्नान से शनि का दोष समाप्त होता है।

कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान के लिए गंगा में बैरिकेडिंग

उधर, पटना में कार्तिक पूर्णिमा को गंगा में स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ेगी। शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा है। गुरुवार को मध्य रात्रि से ही गंगा स्नान करने वालों की भीड़ गंगा घाटों पर उमड़ जाती है। पटना नगर निगम गंगा किनारे बैरिकेडिंग और लाइटिंग की व्यवस्था करा रहा है।

पाटलिपुत्र अंचल पाटीपुल घाट, मीनार घाट, दीघा 93 घाट, दीघा 87 घाट और दीघा 83 घाट, बांसघाट, कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रू घाट पर गंगा स्नान की व्यवस्था कर रहा है।

राजापुर पुल, पहलवान घाट और एलसीटी घाट पर गंगा स्नान की व्यवस्था नहीं की जा रही है। बांकीपुर अंचल गांधीघाट, ला कालेज घाट, कृष्णा घाट पर गंगा स्नान की व्यवस्था की गई है। कालीघाट से गंगा दूर होती जा रही है।

बांकीपुर अंचल के कार्यपालक अभियंता बुधवार को कालीघाट का निरीक्षण करेंगे। उसके बाद निर्णय किया जाएगा कि गंगा घाट पर स्नान की व्यवस्था हो सकती है या नहीं। घाटों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति भी की जा रही है।

पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान के महाप्रबंधक श्रीराम सिंह ने बताया कि गंगा स्नान गुरुवार की देर रात से कार्य शुरू हो जाएगा। इसको देखते हुए रात्रि से ही अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति महत्वपूर्ण घाटों पर की जा रही है। अभियंता बिजली आपूर्ति पर नजर रखेंगे। विद्युत कर्मचारी भी तैनात रहेंगे।

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