अंधविश्वास में सगी बहनों से दुष्कर्म... बाप-तांत्रिक समेत कई लोग मिटाते रहे हवस; मां और मौसी भी दोषी करार
विशेष पॉक्सो कोर्ट में मंगलवार को एक ऐसे मामले की सुनवाई पुरी हुई जिसमें 14 और 16 साल की दो नाबालिग पुत्रियों ने अपने पिता पर ही दुष्कर्म का आरोप लगाया था। मामले में पीड़िता ने अपनी मां और मौसी समेत कुल पांच लोगों की घटना में संलिप्तता बताई थी। केस की सुनवाई के क्रम में सभी आरोपितों पर दोष सिद्ध पाया गया है।
जागरण संवाददाता, बक्सर: विशेष पॉक्सो कोर्ट में मंगलवार को एक ऐसे मामले की सुनवाई पुरी हुई, जिसमें 14 और 16 साल की दो नाबालिग पुत्रियों ने अपने पिता पर ही दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
मामले में पीड़िता ने अपनी मां और मौसी समेत कुल पांच लोगों की घटना में संलिप्तता बताई थी। केस की सुनवाई के क्रम में सभी आरोपितों पर दोष सिद्ध पाया गया है। सजा के बिंदु पर 12 सितम्बर को सुनवाई होगी।
रूह कंंपा देने वाली है बच्चियों से दरिंदगी
पूरे मामले की जानकारी देते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि राजपुर थाना के एक गांव की रहने वाली दोनों नाबालिग बच्चियां 2012 से ही अपने पिता की हवस का शिकार बन रही थीं।
दरअसल, दंपती को कोई पुत्र नहीं हो रहा था, जिसके लिए वे स्थानीय तांत्रिक अजय कुमार के चक्कर में आ गए और उसी के सुझाव पर दोनों बच्चियोंं को हवस का शिकार बना डाला।
अनुष्ठान में बुलाकर तांत्रिक समेत तीन ने किया दुष्कर्म
बाद में पुत्र होने पर तांत्रिक ने उन्हें बच्चे के ऊपर खतरा होने की बात बताते हुए अनुष्ठान की सलाह दी और इसके लिए दोनों बच्चियों को अनुष्ठान में शामिल किया। इस दौरान तांत्रिक समेत दो अन्य भी दोनों बच्चियों को हवस का शिकार बनाते रहे।
जुल्म झेलने से तंग आई बच्च्यिां बाद में किसी तरह हिम्मत कर बक्सर पहुंच गईं और एक व्यक्ति को अपनी समस्या बताई, तब उस व्यक्ति ने दोनों बच्चियों को पुलिस के पास पहुंचाया।
केस दर्ज करते ही एक्शन में आई पुलिस
मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने संज्ञान लेते हुए 28 अप्रैल को महिला थाना में केस दर्ज करवाते हुए तत्काल सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
महिला थाना में दर्ज इस मामले की सुनवाई एडीजे 6 सह विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मनकामेश्वर प्रसाद चौबे की कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत चल रही थी।
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
तमाम गवाहों के बयान सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में माता-पिता समेत कुल पांच लोगों को दोषी पाते हुए सजा के बिंदु पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
दोषी व्यक्तियों के नाम राजपुर निवासी पिता विनोद कुमार सिंह, तांत्रिक अजय कुमार, माता निर्मला देवी और मौसी मंजू देवी के अलावा जयलाल सिंह के नाम शामिल हैं।
सजा के बिंदु पर 12 सितम्बर को फैसला सुनाया जाएगा। लोक अभियोजक ने बताया कि स्पीडी ट्रायल के तहत मामले की सुनवाई के बाद फैसला आने में एक साल से अधिक वक्त लग गया।