सरकारी फाइलों को तर कर रही शताब्दी नलकूप योजना
एक ओर मानसून की देरी से किसान तबाह हैं तो दूसरी ओर ¨सचाई योजनाओं में भी उनके साथ छल हो रहा है। आपात स्थिति में नलकूप से ¨सचाई के लिए सरकार ने शताब्दी नलकूप योजना शुरू की थी।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 25 Jul 2018 05:37 PM (IST)
बक्सर । एक ओर मानसून की देरी से किसान तबाह हैं तो दूसरी ओर ¨सचाई योजनाओं में भी उनके साथ छल हो रहा है। आपात स्थिति में नलकूप से ¨सचाई के लिए सरकार ने शताब्दी नलकूप योजना शुरू की थी। बिहार सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना शताब्दी नलकूप योजना के तहत वैसे किसानों को जिनकी खेती योग्य भूमि एक एकड़ से अधिक है, उन्हें नलकूप लगाने पर सरकार अनुदान दे रही है। हालांकि, योजना में किसानों द्वारा भारी उत्साह दिखाए जाने के बावजूद लघु ¨सचाई विभाग इसका लाभ देने में पिछड़ रहा है।
इस योजना के तहत नलकूप लगानेवाले किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। अपने खर्च पर नलकूप का अधिष्ठापन करने के पश्चात आवेदन देने पर 150 फुट से अधिक बो¨रग करानेवाले किसानों को 182 रुपये प्रति ़फीट के हिसाब से अधिकतम 35 हजार तथा 150 फुट से कम बो¨रग पर सौ रुपये प्रति फीट की दर से 15 ह•ार रुपये अनुदान देने का प्रावधान है। किसानों ने दिखाया उत्साह, विभाग उदासीन ¨सचाई के लिए अच्छी इस योजना के प्रति किसानों ने भारी उत्साह दिखाया। परंतु, विभागीय स्तर पर समुचित प्रचार-प्रसार का अभाव समझा जाए या अधिकारियों की लापरवाही। सरकार द्वारा चलाई जा रही यह महत्वाकांक्षी योजना किसानों की पहुंच से अभी भी बहुत दूर है। वर्षों से आवेदन देने के बावजूद कई किसानों को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया। लघु ¨सचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत पूरे जिले से 2360 किसानों ने आवेदन दिया था। जिसमें 400 किसानों को अनुदान की राशि का वितरण किया जा चुका है। वहीं, 168 लोगों के आवेदन की जांच के उपरांत उन्हें अनुदान दिए जाने की प्रक्रिया की जा रही है। शेष लोगों में 500 और आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। जिनकी जांच पूरी की जा चुकी। नलकूप लगाने के बाद मिलेगा अनुदान, जमा करने होंगे ये दस्तावेज किसानों को नलकूप लगाने के बाद ही अनुदान की राशि मिलेगी। प्रखंड पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन देने के बाद किसानों को नलकूप लगाने के लिए स्वीकृति मिल सकेगी। किसान खेतों में नलकूप लगा सकते हैं, जिसका फोटो कृषि कार्यालय में देना होता है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद लघु ¨सचाई विभाग के अफसर नलकूप का निरीक्षण कर राशि भुगतान करने की अनुशंसा करते हैं। किसान को आवेदन के साथ भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र, जमीन की रसीद, पहचान-पत्र, शपथ पत्र, बैंक खाता आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। किसान प्रखंड कृषि कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं। जिसके बाद आवेदन को पुन: लघु ¨सचाई परियोजना के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में भेजा जाएगा। यहां से आगे की कार्रवाई की जाएगी। 23 सौ से ज्यादा किसानों के आवेदन मिले हैं, जिनमें से जांच के उपरांत चार सौ किसानों को अनुदान जारी किया गया है। अन्य किसानों के आवेदनों की जांच की जा रही है। श्रीपत यादव, कनीय अभियंता, लघु ¨सचाई विभाग, बक्सर।
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