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चौसा की तर्ज पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा डुमरांव का नवरत्नगढ़ किला

डुमरांव प्रखंड के नया भोजपुर स्थित ऐतिहासिक नवरत्न गढ़ किला के दिन बहुरने वाले हैं। खंडहर में तब्दील हो चुके किला को चौसा के लड़ाई के मैदान की तर्ज पर पर्यटन के ²ष्टिकोण से विकसित किया जाएगा।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 05 Feb 2022 11:12 PM (IST)
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चौसा की तर्ज पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा डुमरांव का नवरत्नगढ़ किला

- विधायक ने उठाया था विधानसभा में मामला, पर्यटन विभाग ने मांगा है डीएम से प्रतिवेदन

-जिलाधिकारी ने कहा- गढ़ का निरीक्षण कर तलाशी जाएंगी संभावनाएं, फिर दी जाएगी रिपोर्ट संवाद सहयोगी, डुमरांव(बक्सर) : डुमरांव प्रखंड के नया भोजपुर स्थित ऐतिहासिक नवरत्न गढ़ किला के दिन बहुरने वाले हैं। खंडहर में तब्दील हो चुके किला को चौसा के लड़ाई के मैदान की तर्ज पर पर्यटन के ²ष्टिकोण से विकसित किया जाएगा। जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि पहले वहां का निरीक्षण किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि वहां की कनेक्टिविटी क्या है, वहां जमीन कितनी है फिर उसी के अनुसार उसे पर्यटन मानचित्र पर विकसित करने की योजना बनाई जाएगी।

दरअसल, डुमरांव विधायक डा. अजीत कुमार सिंह ने किला के खंडहर में तब्दील होने का मामला विधानसभा में उठाया था। साथ ही, नवरत्न गढ़ किला को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की थी। इस पर राज्य सरकार के पर्यटन विभाग के कान खड़े हो और पर्यटन विभाग ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर नया भोजपुर स्थित नवरत्न गढ़ किला के संदर्भ में प्रतिवेदन की मांग की है। जिलाधिकारी ने बताया कि वहां का निरीक्षण करने के उपरांत उसकी रूपरेखा तय की जाएगी। बता दें कि अनुमंडल मुख्यालय डुमरांव से महज तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित नया भोजपुर गांव के पास परमार वंशीय राजा विक्रमादित्य के वंशज राजा भोज के द्वारा निर्मित नवरत्न गढ़ किला का अवशेष मौजूद है। उक्त अवशेष को राजकीय धरोहर की सूची में जोड़ते हुए पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाने की मांग स्थानीय नागरिक लंबे अर्से से कर रहे हैं। वहीं, विधायक डा. सिंह द्वारा चौसा के ऐतिहासिक युद्ध के मैदान को पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित किए जाने को लेकर विधान सभा के सदन में सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया है, जिसके बाद यह कवायद की जा रही है।

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