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पोखरा पर बना पंचायत सरकार भवन जी का जंजाल

राज्य सरकार के आदेश ने स्थानीय पदाधिकारियों को अजीब कशमकश में डाल दिया है। सरकार ने हर पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माण का आदेश दिया है। इसकी कवायद जारी है। सरकार का दूसरा आदेश जल निकायों को संरक्षण देने की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि तालाब पोखरा गड़हा और जल निकायों को अतिक्रमण से मुक्त कर संरक्षित किया जाएगा। पेच स्थानीय प्रखंड के भोजपुर जदीद पंचायत अंतर्गत पंचायत सरकार भवन का है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 25 Aug 2019 10:28 PM (IST)
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पोखरा पर बना पंचायत सरकार भवन जी का जंजाल

बक्सर । राज्य सरकार के आदेश ने स्थानीय पदाधिकारियों को अजीब कशमकश में डाल दिया है। सरकार ने हर पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माण का आदेश दिया है। इसकी कवायद जारी है। सरकार का दूसरा आदेश जल निकायों को संरक्षण देने की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि तालाब, पोखरा, गड़हा और जल निकायों को अतिक्रमण से मुक्त कर संरक्षित किया जाएगा। पेच स्थानीय प्रखंड के भोजपुर जदीद पंचायत अंतर्गत पंचायत सरकार भवन का है। पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो गया है। लेकिन, इसका उद्घाटन तथा पंचायत को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया अभी बाकी है। पंचायत सरकार भवन जिस जगह बना है, वह गांव के पूरब स्थित पोखरा (गड़हा) की जमीन है। मतलब यह कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण ही जल निकाय को अतिक्रमित कर किया गया है। अगर सरकार के निर्देश का सख्ती से अनुपालन हुआ तो तय है कि उद्घाटन से पहले ही करोड़ों खर्च से बना पंचायत सरकार भवन जमींदोज हो जाएगा। पदाधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री का आदेश चिता का सबब बन गया है। जल संरक्षण के लिए नया भोजपुर गांव का यह पोखरा बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। कारण कि, यह पोखरा जहां स्थित है वहां से एक तरफ बस्ती की शुरुआत होती है, जबकि दूसरी तरफ खेत है। जिससे सिचाई को बड़ा लाभ मिलेगा। गड़हा के अतिक्रमण का खामियाजा भी लोगों को भुगतना पड़ रहा है। गर्मी की दस्तक पड़ते ही जलस्त्रोत भागने से पेयजल की समस्या गंभीर होने लगती है। पानी के लिए दर-दर भटकने के अलावा लोगों के पास कोई उपाय नहीं रहता। यह पोखरा पहले से भी अतिक्रमण की गिरफ्त में है। पोखरा के पिड पर दर्जनों लोगों द्वारा अपनी झोपड़ी और मवेशी बांधने का प्रबंध कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा कई दफे इस पोखरा पर अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया गया है। लेकिन, अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। फिलहाल दो दर्जन से अधिक लोगों का आशियाना प्रशासन के अतिक्रमण रोधी अभियान को कड़ी चुनौती दे रहा है। प्रशासन के समक्ष नई मुसीबत पोखरा पर बने पंचायत सरकार भवन को लेकर है। नवनिर्मित इस भवन पर क्या निर्णय लिया जाए। इसका फैसला नहीं हो पाया है। सरकार के निर्देश के आलोक में बीडीओ नए पंचायत सरकार भवन के निर्माण की राह खोज रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन के भविष्य पर खतरे का बादल मंडरा रहा है। कहते हैं सीओ भोजपुर जदीद पंचायत में पंचायत सरकार भवन को लेकर मामला पेचीदा है। इस आलोक में वरीय पदाधिकारियों से मंतव्य प्राप्त कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पंचायत सरकार भवन का निर्माण भारी-भरकम राशि खर्च कर किया गया है। सरकार का ही निर्देश जल निकायों को संरक्षित करने का है, इसलिए फैसला वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया जाएगा।

विजय कुमार सिंह, सीओ, डुमरांव।

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