ट्रेन के अंदर मिला था यात्री का कटा हाथ, अब दो राज्यों की सीमा में फंसा पटना-कोटा एक्सप्रेस में हिंसा का मामला
पटना-कोटा एक्सप्रेस ट्रेन में हिंसा का मामला अब दो राज्यों की सीमा में फंस गया है। बता दें कि ट्रेन के एक यात्री का कटा हाथ मिला था। वहीं घायक युवक यूपी के स्टेशन के पास घायल अवस्था में मिला था। वह मूल रूप से हरियाणा का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि ट्रेन के यूपी में दाखिल होने से पहले वारदात को अंजाम दिया गया था।
जागरण संवाददाता, बक्सर। 13240 कोटा-पटना एक्सप्रेस में बीते 28 सितंबर की शाम हिंसक झड़प का मामला दो राज्यों की रेल पुलिस के बीच उलझकर दम तोड़ने के कगार पर है। यह सब तब हुआ, जब ट्रेन उत्तर प्रदेश की सीमा छोड़कर बिहार में दाखिल होने ही वाली थी।
उत्तर प्रदेश के आखिरी स्टेशन गहमर से इस ट्रेन के गुजरने के थोड़ी ही देर बाद स्थानीय अधिकारियों को सूचना मिली कि रेलवे ट्रैक के पास एक घायल आदमी पड़ा है, जिसकी एक हथेली कटी हुई है।
गहमर रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन का ठहराव नहीं है। लोगों को लगा कि ट्रेन से गिरकर या ट्रैक पार करते समय गिरकर कोई घायल हुआ होगा, लेकिन बात ऐसी नहीं थी।
अपने निर्धारित समय से आठ मिनट लेट शाम के 5.11 बजे यह ट्रेन अपने अगले पड़ाव बक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तो अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन के इंजन के पास अनारक्षित श्रेणी के एक कोच में एक आदमी की कटी हथेली पड़ी हुई थी। कोच लगभग वीरान पड़ा था।
अंदर कई जगह खून के छींटे थे और खिड़की के शीशे टूटे हुए थे। इसकी सूचना मिलने के बाद राजकीय रेल पुलिस के स्थानीय थाने ने कोच के अंदर जाकर छानबीन की और अंदर से हथेली को बरामद किया।
जीआरपी अधिकारियों ने ट्रेन के दूसरे यात्रियों, ट्रेन मैनेजर और ड्राइवर से पूछताछ की, लेकिन किसी से कोई ठोस जानकारी हासिल नहीं हुई। हालांकि कोच के अंदर के साक्ष्य बता रहे थे कि वहां दो पक्षों में भीषण संघर्ष हुआ होगा।
इस बीच बक्सर जीआरपी को पता चला कि जिसका कटी हथेली कोच में मिली, वह आदमी यूपी के गहमर में मिला है और उसका इलाज भदौरा के अस्पताल में हो रहा है। इसके बाद जीआरपी ने बिना देर किए यूपी के अधिकारियों से संपर्क साधकर कटी हथेली को उसी अस्पताल में भिजवा दिया।
जमानिया से गहमर के बीच हुई वारदात
बीते गुरुवार को यह ट्रेन कानपुर से लखनऊ और वाराणसी होकर चलने की बजाय सीधे प्रयागराज, मिर्जापुर होते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन आई थी। यहां ट्रेन अपने निर्धारित समय से 10 मिनट पहले ही पहुंच गई थी। ट्रेन के सभी कोच में ठीक-ठाक यात्री भरे हुए थे।
दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से बक्सर और पटना जाने वाले यात्री भी इसमें सवार हो गए। इसके बाद यह ट्रेन यूपी के अपने आखिरी ठहराव जमानिया स्टेशन पर रुकी।
इस स्टेशन तक कोई अप्रिय वारदात दर्ज नहीं की गई है। इसलिए आशंका यह है कि ट्रेन में जो कुछ हुआ वह जमानिया और गहमर के बीच ही हुआ। इसक वाकए के कारण ट्रेन को करीब एक घंटे तक बक्सर स्टेशन पर रोकना पड़ा था।
इलाज के क्रम में हो गई थी मौत
गहमर में जो आदमी ट्रैक के किनारे घायल मिला था, उसकी पहचान हरियाणा के पानीपत के रहने वाले अर्जुन कुमार के रूप में हुई थी। इलाज के लिए गाजीपुर ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में उत्तरप्रदेश के दिलदारनगर स्टेशन के जीआरपी थाने ने यूडी केस दर्ज किया है।
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यहां की पुलिस इसे ट्रेन से कटकर मौत का मामला बता रही है। जबकि सारे साक्ष्य इससे उलट हैं। दिलदारनगर जीआरपी केवल एक पक्ष को देख रही है कि उनके इलाके में ट्रैक के किनारे एक आदमी घायल मिला, लेकिन इस मामले में जानबूझकर उन तथ्यों को अनदेखा किया जा रहा है, जिनकी जानकारी ट्रेन के बक्सर पहुंचने पर मिली थी।
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यह मामला यूपी के क्षेत्र में हुआ था। जांच के लिए बक्सर में ट्रेन एक घंटे रोका गया था। यात्रियों से पूछताछ के साथ गहन जांच में भी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी थी। इस मामले में दिलदारनगर जीआरपी ने मामला दर्ज किया है और जांच उन्हीं को करनी है।
- अखिलेश सिंह, थानाध्यक्ष, जीआरपी, बक्सर
मृतक का पोस्टमार्टम कर स्वजन का शव सौंप दिया गया है। वह पेशे से भिखारी था। वह अपने साथियों का साथ छोड़कर गलती से दूसरी ट्रेन में चढ़ गया था। शराब के नशे में खुद ही ट्रेन से कूद गया था। उसके स्वजन ने इस बारे में लिखित बयान दिया है।
- संतोष कुमार ओझा, जीआरपी प्रभारी, दिलदारनगर