बिहार की बेटी 'प्रगति' ने प्रदेश का नाम किया रोशन, चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो से मिला सम्मान
बिहार के बक्सर जिले की बेटी प्रगति ओझा ने यह साबित कर दिया है कि बेटियों को कुछ कर गुजरने की आजादी मिले तो परिंदे की तरह वे पूरा आसमां नाप सकती हैं। प्रगति ओझा को चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के दौरान इसरो के लिए एक खास काम करने का अवसर मिला था। उनकी इस उपलब्धि पर उनके गांव में खुशी का माहौल है।
By Ranjit Kumar PandeyEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 17 Aug 2023 05:49 PM (IST)
रंजीत कुमार पांडेय, डुमरांव (बक्सर)। बेटियों को कुछ कर गुजरने की आजादी मिले तो परिंदे की तरह वे पूरा आसमां नाप सकती हैं।
बिहार की बेटी प्रगति ओझा उन्हीं बेटियों में से एक हैं, जो चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के दौरान प्रथम अभिभाषण पर इसरो से सम्मानित हुई हैं।वह बक्सर जिले के मुरार थाना अंतर्गत ओझाबरांव गांव निवासी ओम प्रकाश ओझा और ममता ओझा की बेटी हैं, जो गुजरात के अहमदाबाद में वरिष्ठ हिंदी अनुवादक के पद पर कार्यरत हैं।
चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले इस काम के लिए हुआ था चयन
उनकी इस उपलब्धि पर गांव के लोगों में खुशी का माहौल है। उन्होंने वाराणसी में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के बाद अप्रैल 2022 में राजभाषा अधिकारी (वरिष्ठ हिंदी अनुवादक) के पद पर अहमदाबाद में योगदान किया।
चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के दौरान जहां पूरे देश-दुनिया की नजर टिकी हुई थी, वहीं अभिभाषण के ऑडिशन में आंखों देखा हाल पर हिन्दी में अभिभाषण के लिए उनका चयन हुआ था।
प्रगति के अभिभाषण में भाषा शैली, शुद्धता और विषय बिंदु पर स्पष्टीकरण की बदौलत इसरो ने सम्मानित किया।
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