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Rakesh Tikait In Buxar : राकेश टिकैत बक्सर में किसानों से मिले, बोले- आंदोलन तो अब शुरू हुआ है; तेज होगा

किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने किसानों की मांग पर कुछ प्रस्ताव दिए हैं। इन प्रस्तावों को देखेंगे। किसानों को मुआवजे के सवाल पर उन्होंने लगभग वही बातें कहीं जो बक्सर का जिला प्रशासन कह रहा है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Yogesh SahuUpdated: Mon, 16 Jan 2023 05:02 PM (IST)
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Rakesh Tikait In Buxar : राकेश टिकैत बक्सर में किसानों से मिले, बोले- आंदोलन तो अब शुरू हुआ है
संवाद सहयोगी, चौसा (बक्सर)। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सोमवार को बक्सर पहुंचे। वे चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव जाकर भूमि अधिग्रहण के मसले पर आंदोलन कर रहे किसानों से मिले। करीब तीन महीने से चौसा में जारी किसानों के विरोध-प्रदर्शन के मसले पर उन्होंने कहा कि आंदोलन तो अब शुरू हुआ है। किसान जब गर्म हो जाएं, तभी आंदोलन शुरू होता है।

उन्होंने कहा कि बक्सर-बलिया आंदोलन की धरती रही है। यह आंदोलन बड़ा रूप लेगा। किसानों को सही मुआवजा देना ही होगा। इसके साथ ही उन्होंने किसानों के दूसरे मसलों की भी बात होगी। टिकैत ने कहा कि जब तक लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं हो, तब तक कोई आंदोलन खड़ा नहीं होता। आंदोलन खड़ा करने के लिए शहादत देनी ही पड़ती है। चौसा में इसकी शुरुआत हो गई है।

उन्होंने कहा कि देश में किसान आंदोलन चला, तो साढ़े सात सौ किसानों की जान गई। करीब 10 हजार लोगों पर मुकदमे किए गए। लेकिन, इसका नतीजा निकला और सरकार को झुकना पड़ा। यहां भी प्रशासन को झुकना पड़ेगा, कान खोलकर सुनले, एक माह का समय है बातचीत कर समाधान निकाल लें अन्यथा यहां भी दिल्ली की तर्ज पर ट्रेक्टर यात्रा निकलेगी। प्लांट भी बंद होगा।

अगले माह 20 फरवरी को आएंगे : टिकैत

उन्होंने कहा कि अगले माह 20 फरवरी को आएंगे, और भी किसान आएंगे, मैं खुद शामिल रहूंगा। इसी प्लांट में हमारा ट्रैक्टर चलेगा व यहां की महिलाएं व किसान हल जोतेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को हरियाणा, पंजाब, दिल्ली-मुंबई में मजदूर नहीं बनने दिया जाएगा। वह अपने खेतों में काम करेंगे। अगर समझौता नहीं हुआ, तो अपने खेतों में काम नहीं होने देंगे। देश भर से किसान आएंगे व आंदोलन चलेगा।

टिकैत ने एमएसपी पर कहा- बिहार में भी ट्रैक्टर यात्रा निकलेगी

टिकैत ने इस दौरान कहा कि बड़े व्यापारी और सरकार हमारे ही उपजाए अनाज को एमएसपी पर महंगे दामों पर बेच भारी-भरकम कमाई कर रहे हैं। बक्सर व बिहार में मंसूरी धान को बड़े व्यापारी 800 से 1200 रुपये में खरीद करते हैं और महंगे दाम पर बेचते हैं। यहीं से हजारों ट्रकों से अनाज बाहर जाता है। इसके लिए जब तक देश में एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनेगा, पूरे देश में किसान यात्रा करेंगे। बिहार में भी यात्रा निकलेगी।

राज्य सरकार पर रहे नरम

पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की मांग पर कुछ प्रस्ताव दिए हैं। उनको वे देखेंगे। किसानों को मुआवजे के सवाल पर उन्होंने लगभग वही बातें कहीं, जो बक्सर का जिला प्रशासन कह रहा है। उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार की सरकार उन जालिमों से मुक्त हुई है।

टिकैत ने कहा कि वर्ष 2013-14 में जो भूमि अधिग्रहण कानून बना था, उसके अनुरूप ही मुआवजा मिलना चाहिए। टिकैत ने कहा कि किसानों की जमीन हर कोई लूटना चाहता है। लेकिन ऐसा नहीं होने देंगे। वे अपने भाइयों के दुख में शामिल होने बक्सर आए हैं।

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