पुण्यतिथि पर याद किए गए शाहाबादी शेर सरदार हरिहर सिंह
बक्सर गुरुवार को प्रखंड के चौगाई गांव में बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री और शाहाबादी
बक्सर : गुरुवार को प्रखंड के चौगाई गांव में बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री और शाहाबादी शेर के नाम से चर्चित महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार हरिहर सिंह की पुण्यतिथि जनशक्ति संगठन के बैनर तले मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व सीएम के तैल चित्र पर पुष्प चढ़ा श्रद्धा सुमन अर्पित कर की गई। इस मौके पर अपने संबोधन में जनशक्ति सुप्रीमो रविद्र सिंह शाहाबादी ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले इस महान स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा घोषणा के बाद आज तक नहीं बनाई गई। सरदार हरिहर सिंह का जन्म वर्ष 1900 में स्थानीय गांव स्थित महादेई सिंह के आंगन में हुआ था। सरदार साहब की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गांव के ही स्कूल में हुई थी। बचपन में देश की गुलामी इनके किशोर मानस को झकझोरती रही। आजादी की लडाई में भाग लेने के लिए मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित होने के पूर्व ही आजादी की जंग में कूद पडे। कार्यक्रम में जगदीश सिंह, राजन सिंह राजू यादव, रजनीश प्रताप सिंह और अभय सिंह सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
शाहाबादी शेर ने कई बार जेल की यातना सही
देश को आजाद कराने के लिए सरदार साहब ने सन 1919, 1933 एवं 1940 में कई बार जेल की यातना सही। वर्ष 1930 में माहात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन के दौरान सरदार साहब ने अपने गांव में ही नमक बनाकर कानून तोडा था। उसके बाद हजारीबाग जेल में दो वर्षो तक बंद रहे। साल 1942 ई. में अंग्रेज शासकों के द्वारा चौगाईं गांव स्थित इनके आवास को आग के हवाले किया गया। अपने राजनीतिक जीवन में राष्ट्रपिता माहात्मा गांधी, बिहार केशरी डा.श्रीकृष्ण सिंह के ये काफी करीबी माने जाते थे।
1952 से 77 तक क्षेत्र का किए थे प्रतिनिधित्व
आजादी के बाद प्रथम आम चुनाव साल 1952 में डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। उसके बाद 1977 तक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किए। वीपी मंडल सरकार में कृषि मंत्री बने। उसके बाद साल 1969 थोड़े ही दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में सरदार हरिहर सिंह ने किसानों के तकाबी ऋण माफ कर गरीब किसानों को राहत पहुंचाया था।