Janmashtami 2024 Date: 26 या 27, कब मनाई जाएगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी; भादो में पड़ने वाले व्रत-त्योहार की लिस्ट भी देखें
व्रत-त्योहारों में सबसे अधिक लोगों में उहापोह की स्थिति श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तिथि को लेकर बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि में हुआ था तब रोहिणी नक्षत्र भी थी और 26 तारीख दिन सोमवार को रोहिणी नक्षत्र और तिथि अष्टमी दोनों है। इस लिहाज से स्मार्तजन (गृहस्थ) श्रीकृष्णजन्माष्टमी 26 सितंबर को मनाएंगे।
गिरधारी अग्रवाल, बक्सर। सावन के बाद भादो 20 अगस्त दिन मंगलवार से आरंभ हो चुका है, जो 18 सितंबर को स्नान-दान की पूर्णिमा तक है। भादो में हिंदुओं के कई व्रत, तीज-त्योहार पड़ते हैं, उनमें बहुला चौथ, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, तीज, अनन्त चतुर्दशी एवं विश्वकर्मा पूजा प्रमुख है।
बहुला गणेश चौथ व्रत 22 अगस्त को
इन त्योहारों में बहुला गणेश चौथ व्रत 22 तारीख दिन गुरुवार को है। वैसे तो चतुर्थी (चौथ) तिथि का आगमन गुरुवार को ही शाम 5:34 बजे हो रहा है, जो शुक्रवार को दिन में तीन बजकर छह मिनट तक रहेगी, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान में ज्योतिष गणना के अनुसार चंद्रोदय के समय चतुर्थी तिथि के विद्यमान रहने पर ही गणेश चौथ व्रत में चांद को अर्घ्य देने की परंपरा है।
अतः मनीषियों ने बताया कि गणेश चौथ व्रत गुरुवार को ही मनाया जाएगा। वाराणसी पंचांग के अनुसार गुरुवार को (चतुर्थी तिथि में) चंद्रोदय का समय शाम आठ बजे है, लेकिन रात्रि 8:20 बजे के बाद चांद को अर्घ्य देना बेहतर एवं लाभकारी रहेगा।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 26 एवं 27 को (Janmashtami Date 2024)
व्रत-त्योहारों में सबसे अधिक लोगों में उहापोह की स्थिति श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तिथि को लेकर बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि में हुआ था, तब रोहिणी नक्षत्र भी थी और 26 तारीख दिन सोमवार को रोहिणी नक्षत्र और तिथि अष्टमी दोनों है।
इस लिहाज से स्मार्तजन (गृहस्थ) श्रीकृष्णजन्माष्टमी 26 सितंबर को मनाएंगे। आचार्य अमरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया की रोहिणी नक्षत्र का आगमन 26 तारीख की रात 8:20 के बाद हो जा रहा है। जबकि, सूर्योदय के अनुसार नक्षत्र, तिथि को मानने वाले वैष्णवानाम 27 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे।
तीज व्रत छह तारीख को (Teej Vrat 2024 Date)
प्रदेश सहित शाहाबाद परिक्षेत्र में तीज व्रत, जीउतपुत्रिका व्रत व छठ व्रत को महिलाएं तन-मन से मनाती है। हिंदू त्योहारों में इन तीनों व्रत को कठिन माना गया है। विधान के अनुसार महिलाएं इस व्रत के समय पानी तक ग्रहण नहीं करतीं।
आचार्य ने बताया की तृतीया तिथि का आगमन पांच तारीख (गुरुवार) की रात्रि 10:05 बजे हो रहा है, जो दिन में 12:09 बजे तक रह रही है। सो तीज का व्रत छह तारीख को ही मनाया जाएगा। इस दिन चंद्र दर्शन को निषिद्ध माना गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी व विश्वकर्मा पूजा दोनों
प्रत्येक वर्ष शिल्पकारों द्वारा 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है। इसी दिन अनंत चतुर्दशी व्रत भी पड़ रहा है। अतः इस साल दोनों त्योहार एक ही दिन मनाया जाएगा। व्रत की पूर्णिमा और नान्दीमातामह श्राद्ध भी इसी दिन है।पितृपक्ष की आरंभ तिथि स्नान-दान की पूर्णिमा को
इस बार तिथियों की घट-बढ़ होने से स्नान दान की पूर्णिमा से ही पितृपक्ष (महालया) की तिथियां भी आरंभ हो रही है। आचार्य ने बताया की धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि के विद्यमान रहने पर ही पूर्णिमा तिथि के स्नान-दान की परंपरा रही है, पूर्णिमा तिथि सूर्योदयकाल में सुबह 8:41 बजे तक रह रही है। वहीं, पितृपक्ष के लिए तिथियों की गणना दोपहर के 11 बजे के बाद से ही की जाती है। अतः महालया प्रतिपदा का श्राद्ध भी इसी दिन होगा।भादो में पड़ने वाले व्रत-त्योहार
- बहुला गणेश चतुर्थी व्रत - 22 अगस्त (गुरुवार)
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत (गृहस्थ) - 26 अगस्त (सोमवार)
- वैष्णवानाम श्रीकृष्ण जन्म व्रत व गुग्गा नवमी- 27 अगस्त (बुधवार)
- जया एकादशी व्रत - 29 अगस्त (गुरुवार)
- कुशोत्पाटिनी अमावस्या - 02 सितंबर (सोमवार)
- स्नान दान की भौमवती अमावस्या - 03 सितंबर (मंगलवार)
- हरितालिका तीज व्रत - 6 सितंबर (शुक्रवार)
- ऋषि पंचमी - 8 सितंबर (रविवार)
- पद्मा या कर्मा एकादशी व्रत - 14 सितंबर (शनिवार)
- अनंत चतुर्दशी व्रत, विश्वकर्मा पूजा - 17 सितंबर (मंगलवार)
- स्नान दान की पूर्णिमा - 18 सितंबर (बुधवार)