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Bihar News: दरभंगा में B.Tech पास मुखिया की मेहनत लाई रंग, इस पंचायत में थाने तक नहीं जाता आपसी विवाद

Bihar News बिहार के दरभंगा जिले की एक पंचायत में आपसी विवाद पुलिस थाने तक नहीं जाता है। यहां के बीटेक पास मुखिया की मेहनत अब रंग ला रही है। यही वजह है कि उन्हें ग्रामीणों ने दोबारा अपना मुखिया चुना है। यहां सड़क बिजली पानी की समस्या का समाधान तो हुआ ही है। यहां सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी के बाद शराबबंदी का शत-प्रतिशत पालन हो रहा है।

By Mrityunjay BhardwajEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 09 Nov 2023 07:41 PM (IST)
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Bihar News : दरभंगा में B.Tech पास मुखिया का मेहनत लाई रंग, इस पंचायत में थाने नहीं जाता आपसी विवाद
मृत्युंजय भारद्वाज, दरभंगा। उच्च शिक्षा प्राप्त व युवा मुखिया चुनने का लाभ क्या होता है, इसे आप बिहार के दरभंगा जिले की प्रेमजीवर पंचायत को देखकर समझ सकते हैं।

सड़क, बिजली, पानी की समस्या का समाधान तो हुआ ही है। सबसे बड़ी बात यह है कि आपसी विवाद थाने तक नहीं पहुंचता। मिल-बैठकर समाधान होता है।

सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी के बाद शराबबंदी का शत-प्रतिशत पालन हो रहा है। यही कारण है कि जीशान फारुकी (35) को 2021 में लगातार दूसरी बार ग्रामीणों ने मुखिया चुना। जुलाई में उन्हें उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्यपाल ने सम्मानित किया था।

करीब 25 हजार की आबादी वाली बहादुरपुर प्रखंड की प्रेमजीवर पंचायत निवासी जीशान सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक करने के बाद नौकरी कर रहे थे।

वर्ष 2015 में ईद में घर आए तो पंचायत की समस्याओं को देख मुखिया से संपर्क किया, लेकिन समाधान नहीं निकला।

अगले वर्ष चुनाव में बदलाव के सोच के साथ मैदान में उतरे जीशान को जीत मिली तो सबसे पहले उन्होंने सड़क, बिजली, पानी की समस्या दूर की।

दरभंगा की प्रेमजीवर पंचायत के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बांकीपुर में मरीज देखते चिकित्सक। फोटो- जागरण

हर घर शौचालय का निर्माण व उसका इस्तेमाल सुनिश्चित कराया। इसी के चलते पंचायत खुले में शौच से मुक्त घोषित है।

सरकार अब पंचायतों में सोलर लाइट लगवा रही है, लेकिन उन्होंने वर्ष 2019-20 में 220 स्ट्रीट लाइटें लगवाई थीं। यही कारण है कि रात के समय पंचायत के किसी गांव में चले जाइए, उजाला रहता है।

शराब बनाने, बेचने व पीने वालों का सामाजिक बहिष्कार

मुखिया ने देखा कि छोटे-मोटे विवाद के चलते लोग थाने पहुंच जाते हैं। कुछ जगह शराब बनाने व बेचने का काम होता था। इससे अक्सर पुलिस आती रहती है।

थाने से लेकर कोर्ट के चक्कर काटने में ग्रामीण हजारों रुपये व समय खर्च करते थे। इस पर उन्होंने पंचायत स्तर पर ही विवाद के समाधान का निर्णय लिया।

वार्ड सदस्यों की मदद से बैठक कर उसका निदान निकाला जाता है। यही कारण है कि घरेलू हिंसा, भूमि विवाद, आपसी लड़ाई-झगड़े से संबंधित कोई मामला थाने नहीं जाता।

शराब बनाने, बेचने व पीने वालों का सामाजिक बहिष्कार का निर्णय लिया। शराब बनाने वाले को रोजगार से जोड़ा गया। अब न तो शराब बनती है और ना ही बिकती है।

दरभंगा की प्रेमजीवर पंचायत स्थित मध्य विद्यालय पुरखोपट्टी। फोटो- जागरण

स्वास्थ्य उपकेंद्र हुआ शुरू, सामुदायिक भवन से हटा कब्जा

सामुदायिक भवन में कुछ ग्रामीण भूसा रखते थे। इसे उन्होंने खाली कराते हुए रंगरोगन कराया। अब इसमें पंचायत कार्यालय का संचालन हो रहा है।

यहीं पंचायत और अंचल के कर्मी बैठते हैं। निवास, जाति प्रमाणपत्र व पेंशन सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लिए फार्म भरने के साथ उसका लाभ दिलाने का काम यहीं से होता है।

यहां आरटीपीएस (लोक सेवा का अधिकार) काउंटर पर कंप्यूटर आपरेटर की तैनाती है। इसे इंटरनेट से भी जोड़ा गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की थी।

डाक्टर की तैनाती नहीं होने से बंद रहता था। तैनात एएनएम टीकाकरण के नाम पर गायब रहती थी। परिसर में आसपास के लोग मवेशी बांधते थे। जीशान ने इसके लिए धरना-प्रदर्शन और अनशन किया।

अब यहां दो डाक्टर तैनात हैं। छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को अब पांच किमी दूर प्रखंड मुख्यालय नहीं जाना पड़ता।

ग्रामीण अनवर अहमद ने बताया कि सभी 14 वार्डों में नल से जल की आपूर्ति होने से अब गर्मी में पेयजल की किल्लत नहीं होती।

बंटी पासवान ने बताया कि पहले आठवीं के बाद आगे की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं थी। मुखिया के प्रयास से मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर प्लस टू किया गया। पंचायत में दो प्राथमिक, दो मध्य और एक प्लस टू विद्यालय है।

जीशान फारुकी, मुखिया। फोटो- जागरण

जीशान कहते हैं कि पंचायत क्षेत्र में कई डाक्टर व इंजीनियर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी, पूर्व विधायक डा. फराज फातमी इसी पंचायत के निवासी हैं।

विकास में ग्रामीणों का काफी सहयोग है। पंचायत के किसी भी गांव में चले जाइए, लोग आगे बढ़कर मदद करते हैं। बेहतर काम कैसे हो, इस पर राय देते हैं।

विकास व अन्य कार्यों के मापदंड पर प्रेमजीवर पंचायत में बड़ा काम हुआ है। बुनियादी जरूरतों के लिए ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय नहीं आना पड़ता है। उन्हें मुखिया के प्रयास से सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। -अश्विनी कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, बहादुरपुर, दरभंगा

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