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Bihar Teachers: शिक्षा विभाग और राजभवन बीच ठनी रार, अतिथि शिक्षकों को कौन करेगा भुगतान? राज्यपाल ने किया क्लीयर

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय राज्यपाल आर्लेकर ने कुलपतियों को निर्देश दिया कि अतिथि शिक्षकों का भुगतान विश्वविद्याल के आंतरिक कोष से नहीं करना है। राज्य सरकार शिक्षकों के साथ अतिथि शिक्षकों के वेतन का भी भुगतान करेगी। राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा है कि इस राशि पर कॉलेज और विश्वविद्यालय का अधिकार है।

By Prince Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 13 Mar 2024 06:25 PM (IST)
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अतिथि शिक्षकों को कौन करेगा भुगतान? राज्यपाल ने बताया।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि अपना अपना डाटा सेंटर विकसित करें। बाहर की निजी एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहे। यह एजेंसियां विश्वविद्यालय को ब्लैकमेल करती हैं। छात्रों का डाटा रखकर मनमानी पर उतर जाती हैं।

बुधवार को दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की जुबली हाल में सीनेट की विशेष बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डाटा सेंटर विकसित करने में एक बार पैसा लगेगा। लेकिन यहां तो हमें हर वर्ष करोड़ों रुपये का भुगतान करना पड़ता है।

अतिथि शिक्षकों के भुगतान पर क्या कहा?

इसके अलावा, राज्यपाल ने कुलपतियों को निर्देश दिया कि अतिथि शिक्षकों का भुगतान उन्हें अपने आंतरिक कोष से नहीं करना है। राज्य सरकार शिक्षकों के साथ ही अतिथि शिक्षकों के भी वेतन का भुगतान करेगी। शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में बार-बार विश्वविद्यालय में उपलब्ध जिस राशि की चर्चा की है। वह राशि विश्वविद्यालय की अपनी सुविधा के लिए है।

राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा है इस राशि पर कॉलेज और विश्वविद्यालय का अधिकार है। कुलाधिपति ने पहली बार मिथिला विश्वविद्यालय में सीनेट की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य अच्छे व्यक्ति का निर्माण करना है।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 पर क्या बोले राज्यपाल?

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय का कार्य युवा शक्ति को सही दिशा दिखाना है, ताकि वे समाजोपयोगी कार्य कर सकें। उन्हें आत्मनिर्भर बनने तथा नौकरी तलाश करने के बजाए रोजगार प्रदाता बनने के लिए सही मार्गदर्शन मिलना आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 इसमें उपयोगी है।

शैक्षणिक माहौल बेहतर बनाने की जरूरत 

उन्होंने कहा कि हमें बिहार के शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाना है, ताकि यहां के बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर नही जाना पड़े। कुलाधिपति ने कहा कि वर्ष में दो बार सीनेट की बैठक होनी चाहिए। एक बार वार्षिक आय प्रस्तुत करने के लिए तो दूसरी बैठक केवल शैक्षणिक मुद्दों को लेकर आयोजित होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को समाज का मार्गदर्शक होना चाहिए।

PM मोदी के विकसित भारत मिशन 2047 पर भी की बात

आर्लेकर ने आगे कहा कि कहा कि पूरे भारतवासियों का सपना है, अपना देश विकसित होना चाहिए। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का संकल्प रखा है। इसे हम सबों को मिलकर पूरा करना होगा। कुलाधिपति ने सभी सीनेटरों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबके लिए राजभवन के दरवाजे खुले हैं, शैक्षणिक कार्यों को लेकर हम से भी चर्चा कर सकते हैं।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

बैठक में कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी, राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल चोंग्थू, कई विधायक विधान परिषद समेत लगभग 50 सदस्य उपस्थिति थे। संचालन कुलसचिव डॉ. अजय कुमार पंडित कर रहे थे।बजट का प्रस्तुतीकरण वित्तीय सलाहकार डा. दिलीप कुमार ने किया।

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