Bihar Teachers: शिक्षा विभाग और राजभवन बीच ठनी रार, अतिथि शिक्षकों को कौन करेगा भुगतान? राज्यपाल ने किया क्लीयर
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय राज्यपाल आर्लेकर ने कुलपतियों को निर्देश दिया कि अतिथि शिक्षकों का भुगतान विश्वविद्याल के आंतरिक कोष से नहीं करना है। राज्य सरकार शिक्षकों के साथ अतिथि शिक्षकों के वेतन का भी भुगतान करेगी। राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा है कि इस राशि पर कॉलेज और विश्वविद्यालय का अधिकार है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि अपना अपना डाटा सेंटर विकसित करें। बाहर की निजी एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहे। यह एजेंसियां विश्वविद्यालय को ब्लैकमेल करती हैं। छात्रों का डाटा रखकर मनमानी पर उतर जाती हैं।
बुधवार को दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की जुबली हाल में सीनेट की विशेष बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डाटा सेंटर विकसित करने में एक बार पैसा लगेगा। लेकिन यहां तो हमें हर वर्ष करोड़ों रुपये का भुगतान करना पड़ता है।
अतिथि शिक्षकों के भुगतान पर क्या कहा?
इसके अलावा, राज्यपाल ने कुलपतियों को निर्देश दिया कि अतिथि शिक्षकों का भुगतान उन्हें अपने आंतरिक कोष से नहीं करना है। राज्य सरकार शिक्षकों के साथ ही अतिथि शिक्षकों के भी वेतन का भुगतान करेगी। शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में बार-बार विश्वविद्यालय में उपलब्ध जिस राशि की चर्चा की है। वह राशि विश्वविद्यालय की अपनी सुविधा के लिए है।राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा है इस राशि पर कॉलेज और विश्वविद्यालय का अधिकार है। कुलाधिपति ने पहली बार मिथिला विश्वविद्यालय में सीनेट की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य अच्छे व्यक्ति का निर्माण करना है।Bihar Teachers: राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच अब इस मुद्दे पर ठनी रार, 5 हजार शिक्षकों को पड़ेंगे वेतन के लाले!
राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 पर क्या बोले राज्यपाल?
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय का कार्य युवा शक्ति को सही दिशा दिखाना है, ताकि वे समाजोपयोगी कार्य कर सकें। उन्हें आत्मनिर्भर बनने तथा नौकरी तलाश करने के बजाए रोजगार प्रदाता बनने के लिए सही मार्गदर्शन मिलना आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 इसमें उपयोगी है।
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