Bihar Land Registry: अब इस नंबर के बिना नहीं होगी जमीन की रजिस्ट्री, सरकार ने नियमों में किया बड़ा बदलाव
बिहार में अब जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए जमाबंदी का नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। जमाबंदी के साक्ष्य के रूप में विक्रेता जमीन की जमाबंदी स्लिप दस्तावेज के साथ लगा सकते हैं। निबंधन पदाधिकारी ने बताया कि विभाग का यह कदम दीर्घकाल में जनता के लिए वरदान साबित होगा। पारिवारिक भूमि विवाद धीरे धीरे इससे खत्म हो जाएंगे।
संवाद सहयोगी, बिरौल (दरभंगा)। भूमि विवाद को देखते हुए निबंधन विभाग ने भूमि निबंधन के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। बिरौल अवर निबंधक पदाधिकारी डॉ. भास्कर ज्योति ने बताया कि विभाग से प्राप्त निर्देशों के आलोक में अब सिर्फ वही विक्रेता जमीन बेच सकते हैं, जिनके नाम से स्वयं की जमाबंदी दर्ज है।
जमाबंदी के साक्ष्य के रूप में विक्रेता जमीन की जमाबंदी स्लिप दस्तावेज के साथ लगा सकते हैं। बिरौल अनुमंडल के कई अंचलों द्वारा निर्गत किए गए जमाबंदी स्लिप में खाता, खेसरा तथा रकबा के स्थान पर शून्य अंकित रहता है। इन परिस्थितियों में उस जमीन की बिक्री नहीं की जा सकती है।
इस कदम से क्या होगा फायदा?
निबंधन पदाधिकारी ने बताया कि विभाग का यह कदम दीर्घकाल में जनता के लिए वरदान साबित होगा। पारिवारिक भूमि विवाद धीरे धीरे इससे खत्म हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि जमाबंदी को अद्यतन करवाने के लिए भू राजस्व विभाग द्वारा अंचल कार्यालयों को सप्ताह में तीन दिन शिविर लगाकर जमाबंदी संबंधी समस्या का निराकरण करने का निर्देश दिया गया है।फ्लैट की बिक्री के लिए नियम नहीं बदला
बताया कि शहरी क्षेत्र में होल्डिंग नंबर कायम रहने की स्थिति में फ्लैट की बिक्री पर जमाबंदी संबंधी बाध्यता नहीं है। वसीयतनामा अथवा लीज इत्यादि भी जमाबंदी के दायरे में नहीं आते हैं, जिसको को विक्रय विलेख तथा दानपत्र से इतर कोई भी दस्तावेज निबंधित करवाना है वो नियमित रूप से अपना कार्य करवा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में कार्य प्रभावित हुआ है। आशा जताई कि 15 दिनों में जनता के बीच जागरूकता आने से कार्य पटरी पर लौट आएगा। वर्तमान में निबंधन कार्यालय बिरौल में शून्य अथवा एक रजिस्ट्री प्रतिदिन हो पा रही है।
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