Bihar Land Survey 2024 बिहार भूमि सर्वेक्षण 2024 की शुरुआत के साथ ही किसानों और जमीन मालिकों के सामने कई चुनौतियां आ रही हैं। सर्वे का काम शुरू होते ही दलाल सक्रिय हो गए हैं। इन दिनों प्रखंड कार्यालयों में अधिकारियों से ज्यादा दलाल नजर आ रहे हैं। जो जमीन मालिकों से मनमाना पैसा वसूलकर भूमि सर्वे का सुलभ रास्ता बता रहे हैं।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। जमीन सर्वे का काम शुरू हो चुका है। लोग जमीन सर्वे के लिए जरूरी कागजात इकट्ठा करने में जुटे हैं। लेकिन, भूमि सर्वे के पूर्व कागजात तैयार करने में किसानों और जमीन मालिकों के पसीने छूट रहे हैं।
किसानों और जमीन मालिकों के सामने एक नई समस्या सामने आ रही है। वह है दलालों की टोली का। दलाल पूरी तरह से चांदी काट रहे हैं। लोग जमीन की रसीद कटवाने में बेहाल हैं, तो सैकड़ों किसानों का जमीन दाखिल खारिज के लिए अटका हुआ है।
सर्वे के लिए सरकार स्वघोषित वंशावली मांग रही है। पाटीदार में बंटवारे को लेकर वंशावली तैयार करना भी जरूरतमंदों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है।
वहीं, शपथ पत्र बनवाने के लिए पोस्ट ऑफिस में टिकट के लिए प्रतिदिन मारामारी की स्थिति देखने को मिल रही है।
लाख अड़चन के बावजूद जमीन मालिक कागजात दुरुस्त कराने में लगे हैं। इन दिनों अंचल कार्यालय और सर्वे के लिए बनाए गए सर्वे कार्यालय में लोगों की लगातार भीड़ उमड़ रही है।
दलाल हुए सक्रिय
सर्वे का काम शुरू होते ही प्रखंड क्षेत्र के दलाल सक्रिय हो गए हैं। इन दिनों प्रखंड में अधिकारियों से ज्यादा दलाल व बिचौलिये नजर आ रहे हैं। जो जमीन मालिकों से मनमाना राशि लेकर भूमि सर्वे का सुलभ रास्ता बता रहे हैं।
लोग चाहते हैं कि कम से कम समय में उन्हें संबंधित कागजात मिल जाए। और सर्वे आसान तरीके से हो जाए।
संबंधित कार्यालय के कर्मी इन दिनों एक से दो लोग अपनी सहायता के लिए रखे हुए हैं। जो सर्वे फार्म भरवाने, रसीद कटवाने, म्यूटेशन करवाने एवं वंशावली बनाने के लिए रैयतों से पैसे की उगाही कर रहे हैं।
जमीन मालिकों ने गिनावाईं समस्याएं
बिरौल प्रखंड के रामनगर पंचायत के अहिलवाड़ा गांव निवासी रामकुमार पासवान ने बताया कि वर्ष वर्ष 1962 में बाबू जी ने जमीन खरीदा। उन्हीं के नाम से जमाबंदी कायम है।
अब सरपंच, अमीन, दाखिल खारिज कराने के लिए चक्कर काट रहें है। कोई समय ही नहीं दे रहा है।
अहिलवाड़ा के किसान मुराद अली खां ने बताया कि दो जीमीन खरीदा। दोनों का अलग-अलग जमाबंदी कायम था। फिर एक दिन जब मालगुजारी अद्यतन कराने गया, तो अंचल का मुंशी ने कहा कि दोनों जमीन एक ही मौजे में है। दोनों का एक ही जमाबंदी कर देते है और दोनों मिलाकर रकवा चढ़ा देते है। जमाबंदी तो एक कर दिया। रकवा भी सही किया। लेकिन खाता और खेसरा गड़बर चढ़ा दिया। अब अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहें हैं।
ऑनलाइन रसीद काटने में हो रही परेशानी
इन दिनों आनलाइन भू-लगान जमा करने में लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। सर्वर स्लो रहने के कारण वेबसाइट नहीं खुल रहा है।
इससे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी रजिस्टर -2 की रिपोर्ट ऑनलाइन देखने एवं भू-लगान जमा करने में संबंधित लिंक खुलने में परेशानी हो रही है।
यदि लिंक खुल भी जाता है, तो आवेदन के साथ कागजात अपलोड करने में भी बहुत समय लग रहा है।
वंशावली बनाने के नाम पर ठगे जा रहे लोग
भूमि सर्वे का कार्य शुरू होते ही अंचल कार्यालयों में सक्रिय रहने वाले दलालों की चांदी हो गई है।
भूमि सर्वेक्षण में लोगों को स्वघोषित वंशावली देनी है। लेकिन, बिचौलिया व सक्रिय दलाल लोगों को बरगलाकर वंशावली बनाने के नाम पर दो से तीन सौ रुपये तक ठग रहे हैं।
ऐसी शिकायतें पीड़ित लोग आपस में बातचीत के दौरान तो कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी तक नहीं पहुंचा रहे हैं।
जिला प्रशासन की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि वंशावली स्व हस्ताक्षर कर देनी है। लेकिन बिचौलिया तरह की बात कह गांव के लोगों को बरगला रहें हैं।
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