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Bihar Jamin Survey: अगर जमीन हो गई सरकारी ताे क्या करें? यहां मिलेगा एक-एक सवाल का जवाब

Bihar Land Survey Jankari बिहार के दरभंगा जिले के 1234 गांवों में विशेष भूमि सर्वेक्षण शुरू हो गया है। इसका उद्देश्य सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराना और लैंड रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाना है। भू-स्वामियों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से प्रपत्र भरने की जानकारी दी जा रही है। सर्वे का काम जुलाई 2025 तक पूरा हो जाएगा।

By Mrityunjay Bhardwaj Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 02 Sep 2024 03:35 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

जागरण संवाददाता, दरभंगा। जिले के 1234 गांव में विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ऑफलाइन एवं ऑनलाइन प्रपत्र भरने की जानकारी भू-धारियों को दी जा रही है।

बताया जा रहा है कि सर्वे का मकसद सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराना और लैंड रिकार्ड को पारदर्शी बनाना है। आम सभा में लोगों से कहा जा रहा है कि अगर सरकारी जमीन आपके नाम हो गई या निजी जमीन सरकारी हो गई हो तो भू-स्वामी अपने पक्ष में कागजात जमा करें।

इसे लेकर जमीन मालिक कागजात दुरुस्त कराने में लगे हैं। कागजात को लेकर हलका, अंचल, भूमि निबंधन कार्यालय, सर्वे कार्यालय, समाहरणालय के अभिलेखागार, अनुमंडल कार्यालय, न्यायालय में भूस्वामियों की लगातार भीड़ उमड़ रही है। कागजात के जानकार समेत अमीनों की दुकान खूब चल निकली है।

मनमाना राशि लेकर जमीन मालिकों को रास्ता बता रहे हैं। सर्वे को लेकर भूमि के कारोबार से जुड़े लोगों का धंधा फल फूल रहा है।

कर्मचारी, मुंशी व बिचौलिये उठा रहे नाजायज फायदा

भू-स्वामियों की सबसे अधिक भीड़ अभिलेखागार, अनुमंडल कार्यालय, भूमि निबंधन कार्यालय में दिख रही है। खतियान लेने के लिए लंबी लाइन लगी रहती है। वंशावली के लिए भी न्यायालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक लोग खूब भाग दौड़ कर रहे हैं।

लोग चाहते हैं कि कम से कम समय में उन्हें संबंधित कागजात मिल जाए। इसे लेकर संबंधित कार्यालय के कर्मी, मुंशी एवं बिचौलिया नाजायज फायदा उठा रहे हैं। ऑनलाइन रसीद कटवाने, म्यूटेशन और वंशावली बनाने के लिए खूब वसूली हो रही है।

मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में भू-स्वामियों के छूट रहे पसीने

जानकारी के अनुसार जो पुश्तैनी जमीन अब भी दादा- परदादा के नाम से है। उन मृतक पूर्वजों का मृत्यु प्रमाण पत्र जमीन के कागज के साथ जमा करना जरूरी है। इसे बनाने में जमीन मालिकों के पसीने छूट रहे हैं।

वंशावली तैयार करने के लिए भी भू-स्वामी सैकड़ों की संख्या में रोज कचहरी पहुंच रहे हैं। जबकि शपथ पत्र के माध्यम से वंशावली बनाने की बाध्यता नहीं है। खुद की घोषणा से ही वंशावली बनाया जाना है।

वंशावली बनाने कचहरी पहुंचे सुमन सिंह, राम पुकार मिश्र, संतोष मिश्रा, दशरथ यादव, मो.इरशाद ने बताया कि शपथ पत्र के माध्यम से वंशावली बनाने में 300 से 500 रुपये लग रहा है।

भू-स्वामी कर रहे हैं दस्तावेज की खोज

ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों की अधिकांश जमीन के कागजात नष्ट हो चुके हैं। सर्वे में कागजात की जरूरत पड़ेगी। कागजात का नकल निकालने आए हैं। बिचौलिए मनमाना रुपये मांग रहे हैं। संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी बात करने को तैयार नहीं हैं।

ग्राम सभा में उठ रहे सवाल

बताया जा रहा है कि ग्राम सभा में रसीद अपडेट नहीं होने, ऑनलाइन रसीद नहीं कटने, जमाबंदी हटाए जाने, रजिस्टर टू में गलत नाम दर्ज होने, खेत की मापी गलत होने सहित अन्य समस्याएं अधिकारियों के समक्ष भू-स्वामी उठा रहे हैं। अधिकारी उन्हें रास्ता दिखाने की कोशिश करते हैं। लेकिन भू-स्वामी उनके जानकारी से संतुष्ट नहीं दिखते हैं।

भू-स्वामियों को मिलेगा लैंड एक्स-रे कार्ड

जिले में कुल 1234 गांव में जमीन सर्वे किया जाना है। जमीन मालिक को राशन कार्ड की तरह ही एक कार्ड मिलेगा। इसमें नक्शा सहित जमीन का पूरा विवरण दर्ज होगा। इस कार्य को जुलाई 2025 तक पूरा कर लेना है। आम लोगों से जमीन का प्रपत्र प्राप्त होने के बाद जमीन की मापी प्रारंभ होगी।

पूरा सर्वे डिजिटल प्लेटफार्म पर आधारित है। घर से बाहर रहने पर भी ऑनलाइन जमीन के कागजात अपलोड किया जा सकता है। ऑनलाइन अपील, ऑनलाइन खतियान के अलावा ऑनलाइन नक्शा भी लोग देख सकते हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से कागजात जमा कर सकते हैं।

गजट नहीं हुआ है पास

बताते हैं कि बिरौल, बेनीपुर, दरभंगा सदर आदि अंचल के सीओ सभी भू-स्वामियों से नए खाता व नए खेसरा प्रपत्र में भर कर देने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन एक उच्चस्तरीय पदाधिकारी का कहना है कि नया खाता व खेसरा को लेकर सरकार की ओर से अभी गजट पास नहीं हुआ है।

अगर नया खाता व खेसरा और रकबा नक्शा में सही रहता तो यह विशेष सर्वे करने की क्या आवश्यकता थी। अभी भू-स्वामियों का रजिस्टर टू पंजी पुराने खाते व खेसरा में ऑनलाइन किया गया है।

सर्वे की पूरी प्रक्रिया सर्वे एक्ट की नियमावली के मुताबिक होगी। आवेदक को अपने सभी कागजात सहित वंशावली का स्व अभिप्रमाणित प्रमाण पत्र देना होगा। इसके लिए किसी शपथ पत्र की जरूरत नहीं है।-कमलेश प्रसाद, प्रभारी जिला बंदोबस्त पदाधिकारी, दरभंगा।