बिहार में जमीन सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। इस बीच एक नई जानकारी सामने आई है। सरकार और प्रशासन की तरफ राजा-रजवाड़ा और एस्टेट की जमीन को लेकर नया निर्देश जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि इनके जमीनों की भी जांच होगी। जानकारी के मुताबिक राजा-रजवाड़ा और एस्टेट की जमीनों का ब्योरा निकाला जा चुका है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। बिहार में जमीन का विशेष सर्वेक्षण चल रहा है। इसके लिए जिलों में नियुक्त किए गए अमीन से लेकर अन्य सर्वे कर्मी गांवों में जा रहे हैं। रैयतों से जमीन का सर्वे कराने का अनुरोध कर रहे हैं।
अमीन के द्वारा वंशावली, विवादित जमीन का सर्वेक्षण, जमीन मापी, नक्शा, खतियान के बारे में जानकारी दी जा रही है। जमीन का सर्वे कराने के लिए घर से बाहर दूसरे प्रदेशों में रह रहे रैयत गांव पहुंच रहे हैं। जमीन का कागजात एकत्रित करने में लगे हैं।
रैयतों का सबसे अधिक टेंशन उनके कब्जे में सरकारी जमीन को लेकर है। सरकारी जमीन पर किसानों का 50 वर्षों से कब्जा है। लगान रसीद कट रहा है, लेकिन सर्वे में इस जमीन से बेदखल होने का डर किसानों को सता रहा है। सर्वे कर्मियों की ओर से रैयतों को बताया जा रहा है कि सरकारी जमीन सरकार की है।
प्रभारी जिला बंदोबस्त पदाधिकारी कमलेश प्रसाद ने बताया कि अभी किसान अपनी कब्जे वाली सभी जमीन का ऑनलाइन और ऑफलाइन कर सकते हैं।
जमीन सर्वे के बाद भी जांच होगी, जो जमीन गैरमजरुआ मालिक पर अवैध दखल कब्जा होगी। वैसी जमीन को विभागीय निर्देश पर कार्य किया जाएगा। जो जमीन विवादित होगी, उसे अभियुक्ति कॉलम में विवादित लिखा जाएगा।
सर्वेक्षण में जमीन का अद्यतन खतियान बनेगा
बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि सक्षम न्यायालय के आदेशों का पालन किया जाएगा। बताया कि राजा-रजवाड़ा और एस्टेट की जमीन की जांच होगी। सभी की सूची उन्हें प्राप्त हो गई है।
उन्होंने बताया गया कि सर्वेक्षण में मानचित्र, अभिलेख को डिजिटल प्रारुप में संधारण करना है। पूरा कार्य आधुनिक तकनीक पर आधारित है। सर्वेक्षण में जमीन का अद्यतन खतियान बनेगा। सभी जमीन का सर्वे होगा।
उन्होंने बताया कि सर्वे को लेकर किसानों को परेशान नहीं होना है। उनकी सुविधा के लिए सभी अंचलों में शिविर कार्यालय खोला गया है।
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