BPSC Teacher Update: नौकरी पर लटकी तलवार! बिहार के इस जिले में कई शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी रोक, BDO ने दिए ये निर्देश
BPSC Teacher Update बिहार के दरभंगा जिले में कई नवचयनित शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में उनकी नौकरी पर तलवार लटकती नजर आ रही है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ऐसे नवचयनित शिक्षकों की सूची भी जारी कर दी है। इसी के साथ बीडीओ ने प्रधानाध्यापकों को साफ निर्देश दे दिए हैं कि इन शिक्षकों का योगदान स्वीकार न करें।
By Mrityunjay BhardwajEdited By: Rajat MouryaUpdated: Fri, 17 Nov 2023 04:40 PM (IST)
संवाद सहयोगी, दरभंगा। BPSC Teacher Appointment बिहार लोक सेवा आयोग से अनुशंसित और जिला शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त विद्यालय पदस्थापन पत्र के आधार पर 17 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। गुरुवार रात राज्य मुख्यालय से वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मिले निर्देश के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ऐसे सभी 17 नवचयनित अध्यापकों की सूची जारी करते हुए संबंधित प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि उनका योगदान स्वीकार नहीं करें।
हालांकि, जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह ने अपनी ओर से इस मामले में आगे कोई कारण बताने से साफ इनकार कर दिया। उनका यही कहना था कि विभाग ने मुझे निर्देश दिया और निर्देश के आलोक में जो सूची मुझे दी गई थी, उसके अनुसार कार्यालय आदेश जारी कर दिया गया है।
क्यों लगी नियुक्ति पर रोक?
बताया जा रहा है मधुबनी की बबीता चौरसिया से संबंधित यह मामला है, जिसने नवचयनित अध्यापकों का संघ गठित कर अपनी समस्याओं से संबंधित मांग पत्र विभाग को सौंपा था। संघ के गठन पर विभाग ने आपत्ति दर्ज करते हुए बबीता चौरसिया से भी कारण पृच्छा की थी।विभाग का मानना था कि अभी सब नव चयनित अभ्यर्थी हैं जो विद्यालय में योगदान करने के बाद ही अध्यापक कहलाएंगे, लेकिन उससे पूर्व ही नियमावली का उल्लंघन करते हुए ऐसे लोगों ने संघ का गठन कर दिया जो दर्शाता है कि उनकी रुचि पठन-पाठन में नहीं है।हालांकि, जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिन नवचयनित अध्यापकों की नियुक्ति पर रोक लगाई है, उनकी संघ वाली गतिविधियों को लेकर जिले में कोई अवगत नहीं है। अगर पटना में या जिले से बाहर कोई गतिविधि होगी तो वह विभाग की जानकारी में होगी। उसी के आलोक में कार्रवाई की गई है।
जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव श्रवण कुमार चौधरी ने भी कहा कि इन शिक्षकों को कभी संघ की गतिविधियों में नहीं देखा गया। उन्होंने यह भी कहा की सूची में कुछ नाम ऐसे हैं जो तीन-तीन बार आ गए हैं। हालांकि विषय अलग-अलग है, लेकिन अगर ऐसा है तो यह भी बड़ी गड़बड़ी का संकेत है।
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