दरभंगा: तिहरे हत्याकांड में पूर्व सांसद आनंद मोहन के अल्टीमेटम का काउंटडाउन शुरू, बस एक दिन शेष
पूर्व सांसद आनंद मोहन के अल्टीमेटम का काउंटडाउन होने से पुलिस की बेचैनी बढ़ गई है। स्वजन को ढांढस बंधाने के दौरान पूर्व सांसद ने 24 जून को जिला पुलिस को मामले के पर्दाफाश के लिए 15 दिनों का समय दिया था। पुलिस पर कई सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था कि हम चिल्होरी करने नहीं आए हैं अल्टीमेटम देने आए हैं।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले में बहेड़ी थानाक्षेत्र के हरच्चा-निमैठी के बीच ददरबाड़ा में 22 जून को हुई हत्या के मामले में पुलिस अब भी खाली हाथ है।
दूसरी ओर इस तिहरे हत्याकांड का खुलासा करने के लिए पूर्व सांसद आनंद मोहन ने पुलिस को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था। अब इसे पूरा होने में भी बस एक दिन शेष रह गया है।
बता दें कि ओझौल निवासी अनिल सिंह, उनके चचेरे भाई मनीष सिंह और निजी गार्ड मुन्ना सिंह की गोली मारकर हुई हत्या में अभी तक ऐसा कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, जिसके सहारे पुलिस कातिलों तक पहुंच सके।
पूर्व सांसद आनंद मोहन के अल्टीमेटम का काउंटडाउन होने से पुलिस की बेचैनी बढ़ गई है। स्वजन को ढांढस बंधाने के दौरान पूर्व सांसद ने 24 जून को जिला पुलिस को मामले के पर्दाफाश के लिए 15 दिनों का समय दिया था।
10 जुलाई को फिर दरभंगा आएंगे: आनंद मोहन
पुलिस पर कई सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था कि हम चिल्होरी करने नहीं आए हैं, अल्टीमेटम देने आए हैं। अगर 15 दिनों में पूरे मामले का पर्दाफाश नहीं हुआ तो 10 जुलाई को हम फिर दरभंगा आएंगे।
उधर, अनिल और मनीष का गया में श्राद्धक्रम संपन्न होने के बाद गुरुवार को घर पर ब्रह्मभोज का आयोजन हुआ। ऐसे में पीड़ित परिवार पूरे कर्म से संपन्न हो चुके हैं।
इसे देखते हुए ग्रामीण अब पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए गोलबंद होने लगे हैं। गांव के लोग पीड़ित परिवार के साथ आंदोलन करने की बात कह रहे हैं।
ग्रामीण सेना के पूर्व केप्टन चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि पूर्व सांसद सोमवार को दरभंगा पहुंचेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी।
ऐसी स्थिति में पुलिस अब दोहरे दबाव से गुजर रही है। यही कारण है कि पुलिस अब ताबड़तोड़ छापेमारी करने में जुटी है।
नगर एसपी के नेतृत्व में गठित एसआईटी हर पहलु पर जांच करने के बाद अंतिम निष्कर्ष तक पहुंच गई है। वारदात में शामिल सभी शूटरों का नाम व पता सत्यापित कर चुकी है।
हालांकि, किसी के अपने ठिकानों पर नहीं होने के कारण 16 दिनों से पुलिस के हाथ खाली हैं। उधर, शूटरों की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस अब तक सुपारी देने वाले अथवा आका से अनजान है।
वारदात के पीछे की वजह भी साफ नहीं हो सकी है। ऐसे में जल्द से जल्द और पूरी तरह से मामले का पर्दाफाश होना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।
ऐसे सूत्रों का कहना है कि पुलिस 10 जुलाई से पहले हिरासत में लिए दो लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज सकती है।
बहरहाल, नगर एसपी सागर कुमार ने बताया कि इस मामले में चालक सहित दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पूछताछ में दोनों से कई सुराग मिले हैं।
इस आधार पर कई लोगों को चिह्नित कर छापेमारी की जा रही है। बहुत जल्द पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
अनसुलझे सवाल को सुलझाने में जुटी है पुलिस
वारदात में कई अनसुलझे सवाल को सुलझाने में पुलिस जुटी है। पुलिस यह पता करने में जुटी है कि अनिल के साथ-साथ उसके चचेरे भाई और गार्ड की कोई इस कदर से क्यों हत्या कर सकता है।
क्या दोनों ने हत्यारे को पहचान लिया था अथवा घटना के पीछे कोई रहस्य है। दरअसल, अनिल की कई लोगों से दुश्मनी चल रही थी, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन उसके चचेरे भाई मनीष सिंह का विवाद से कोई रिश्ता नहीं था।
उसके पिता पुलिस में नौकरी करते थे, अनुकंपा पर उसकी नौकरी होने वाली थी। ऐसी स्थिति में उसकी हत्या करना समझ से परे है, बहरहाल पुलिस हर सवाल का जवाब ढूंढ रही है।