विभिन्न दलों के बड़े नेता दरभंगा में अपनी चुनावी सभाएं करते हैं। ताकि, इसका असर आस-पास के सीटों पर भी दिखे। माछ-मखान, आम व तालाब के लिए इस इलाके की प्रसिद्धि है।
अधिकांश लोगों की आय का साधन खेती है। यहां की चूना युक्त दोमट मिट्टी रबी और खरीफ फसलों के लिए उपयुक्त है। भदई और अगहनी धान, गेहूं, मक्का, रागी, तिलहन आदि मुख्य फसलें हैं। ईस्ट-वेस्ट कारिडोर से जुड़ने देश के हर कोने से आवागमन सुलभ हो गया है।
अब भारत माला प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। दरभंगा एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का काम चल रहा है। फिलहाल यहां से मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, दिल्ली, बेंगलुरू के लिए फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध है।
गोपाल जी ठाकुर और ललित यादव में कड़ी टक्कर
इस बार लोकसभा चुनाव में राजग गठबंधन के भाजपा प्रत्याशी गोपालजी ठाकुर मैदान में हैं। उनको आइएनडीआइए की ओर से राजद के पूर्व मंत्री ललित कुमार यादव कड़ी टक्कर दे रहे हैं। एक ओर गोपालजी ठाकुर दूसरी बार जीत हासिल करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। दूसरी ओर ललित यादव संसद में पहली बार पहुंचने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। वे दरभंगा ग्रामीण से छठी बार विधायक हैं।
1989 के बाद पहली बार जनता दल से बने राजद ने मुस्लिम की जगह यादव वर्ग से उम्मीदवार को मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है। ऐसे मतदाता जो सिर्फ मुस्लिम प्रत्याशी होने के कारण राजद को मतदान नहीं कर रहे थे उनमें बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
सहनी और पासवान वोटरों में हो रही सेंधमारी
पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के साथ लामबंद रहे सहनी और पासवान वोट में भी सेंधमारी हो रही है। यह सेंधमारी यदि ज्यादा होगी, भाजपा प्रत्याशी के भविष्य पर संकट मंडरा सकता है। वैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा के बाद एनडीए के घटक दलों के कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ी है।
सभी अपने स्तर से डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं। इस चुनाव में राजद ने उम्मीदवारों के समीकरण को बदल दिया है। जनता दल से बने राजद से 2019 तक कुल नौ चुनाव में पार्टी ने सिर्फ मुस्लिम उम्मीदवार पर भरोसा जताया। 1989 से लेकर अब तक पांच बार मुस्लिम उम्मीदवार सांसद बनकर लोकसभा तक पहुंचे। लेकिन 1999 से लेकर अब तक वर्ष 2004 को छोड़कर राजद के उम्मीदवार सिर्फ उप विजेता ही रहे हैं।
दरभंगा में सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता
दरभंगा लोकसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम मतदाताओं की है। वर्ष 2020 के एक निजी एजेंसी के सर्वे के आंकड़ा के अनुसार मुस्लिम मतदाताओं की संख्या तीन लाख 44 हजार 425 बताई गई। जो कुल मतदाता का 20. 1 प्रतिशत है। दूसरे स्थान पर ब्राह्मण जाति के मतदाता हैं। इनकी संख्या एक लाख 76 हजार 593 है, जो 10.4 प्रतिशत है। तीसरे स्थान पर यादव मतदाता हैं।
इनकी संख्या एक लाख 66 हजार 237 है, जो 09.7 प्रतिशत है। चौथे स्थान पर पासवान जाति के मतदाता हैं, इनकी संख्या एक लाख दो हजार 353 है जो कुल का छह प्रतिशत है। राजपूत, भूमिहार और कायस्थ के 07.1 प्रतिशत के साथ सवर्ण जाति के 17.5 प्रतिशत मतदाता हैं। सहनी के पांच प्रतिशत, कुर्मी-कोइरी के 06.7, मुसहर जाति के 03.1 प्रतिशत एवं वैश्य मतदाता 5.1 प्रतिशत हैं। शेष पिछड़ा, अतिपिछड़ा सहित दलित मतदाता हैं।
चुप रहने वाले वोटरों की संख्या भी अधिक
यहां मतदान 13 मई को है। अपने समर्थक प्रत्याशियों के पक्ष में वोटर बोलने लगे हैं। वैसे चुपा वोटर भी कम नहीं हैं। गंज चौक की एक चाय दुकान चुनावी चर्चा की शुरुआत पोखरसमा के सुरेश यादव करते हैं-वोट जातीय आधार पर ही देंगे। पांच किलो अनाज कोई घर से लाकर नहीं देता है। पेट के बच्चा पर भी कर्ज है। दिलावरपुर के मो. मोजबिल बीच में ही बोलने लगते हैं-पांच किलो अनाज से जिंदगी नहीं कट जाएगी।
बिहार का एक अकेला नौजवान सबको टक्कर दे रहा है। रामपुर चौक पर मिले युवा रजनीश कुमार रोजगार, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य को मुद्दा मानते हैं। कहते हैं - पांच में ढाई करोड़ वापस कर दिए, विकास कार्य में खर्च नहीं कर पाए। इससे सक्रियता समझ सकते हैं। महम्मदपुर के मंजय कुमार दास को यहां बदलाव की लहर दिख रही है। चिकनी के मोहन चौपाल और उनकी पत्नी निशा देवी का मानना है-10 साल में काफी बदलाव आया है। घर दिया, बाथरूम दिया। गांव-गांव में रोड दिया। बदलाव करने वाले को वोट तो बनता है।
क्या कहते हैं मुस्लिम मतदाता
असगांव के मो. मुमताज कहते हैं - अभी मोदी सब कर रहे हैं। पहले लालू करते थे। नीतीश पानी, बिजली, सड़क दिए हैं। वहीं पर खैरूल निशा निशा बोल पड़ती हैं- वोट लेने सब आता है, लेकिन काम के समय गायब हो जाता है। तीन माह से नल-जल से पानी बंद है। डरहार में सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी शिव कुमार चौधरी पंचायत से लेकर राजधानी तक हुए विकास की चर्चा करते हैं।
अर्थ व्यवस्था के मामले में देश 11 वें से पांचवें नंबर पर आ गया है। अब शीर्ष पर आ जाए, इसके लिए वोट देना है। कबीलपुर के मुरारी मोहन झा कहते हैं-जो मुद्दा है सबका हल एक ही नेता कर रहे हैं। उन्हीं को वोट देंगे। प्रत्याशी कोई मायने नहीं रखता। महिनाम के मो. मोइन अंसारी टेलरिंग करते हैं। कहते हैं-वोटर का मन पहले से बना हुआ है। 20 साल पहले आवास मिला था। उसके बाद किसी योजना का लाभ नहीं मिला है।
बेनीपुर के मझौड़ा चौक पर हनुमान ठाकुर कहते हैं-महंगाई बढ़ी है तो लोगों की तनख्वाह भी बढ़ी है। पहले टेंपो ड्राइवर को डेढ़ सौ रुपये रोज देते थे। अभी पांच सौ रुपये दे रहे हैं। किसानों की आय बढ़ी है। यह सब मोदी की बदौलत हुआ है। महाराष्ट्र में टेक्सटाइल्स का काम करने वाले मझौड़ा के सुमनजी ठाकुर वोट देने के लिए गांव आए हैं। जयंतीपुर दाथ चौक पर सरोज सहनी कहते हैं-उनके नेता आइएनडीआइए के साथ हैं।इसका लाभ मिल रहा है। विष्णुपुर घाट पर मिले सुशील पासवान गांव में दबाव से मिली आजादी से खुश हैं। कहते हैं-यह आजादी लालू ने दिलाई। इसे भूल नहीं सकते। कसरौर के नरेंद्र कुमार मिश्र कहते हैं-प्रत्याशी काम नहीं किए हैं। देश की मजबूती के नाम पर वोट मिल रहा है। दक्षिणी कसरौर के बैद्यनाथ साह पहले लेबर का काम करते थे। अब घर पर ही रहते हैं। कहते हैं- केंद्र व राज्य से हर सुविधा मिली है। पकड़ी के लाल बहादुर सहनी कहते हैं- निषाद को आरक्षण नहीं मिला। हमारे नेता अलग हो गए। वोट उनको ही मिलेगा।
नोटा के मत प्रतिशत में हुई वृद्धि :
2014 के लोकसभा चुनाव में 21,103 लोगों ने नोटा दबाया था। यह 1.41 प्रतिशत रहा। तब 15 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। 2019 के लोकसभा चुनाव नौ प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया था। इसमें 20, 468 मत नोटा को प्राप्त हुआ, यह कुल मत को 02.12 प्रतिशत था। इस तरह 2014 के चुनाव तुलना में 2019 में नोटा मत में 0.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अब तक के परिणाम -वर्ष- 1999 नाम पार्टी मिले मतकीर्ति झा आजाद - भाजपा- 385549अली अशरफ फातमी - राजद 340001जीत का अंतर - 45, 548
वर्ष 2004अली अशरफ फातमी - राजद
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-427672कीर्ति झा आजाद
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भाजपा
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284209जीत का अंतर
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1, 43, 463
वर्ष 2009कीर्ति झा आजाद
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-भाजपा
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239268अली अशरफ फातमी
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राजद
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192815जीत का अंतर- 46, 453
वर्ष 2014कीर्ति झा आजाद
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-भाजपा
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314949अली अशरफ फातमी
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-राजद
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279906जीत का अंतर-35,043
वर्ष 2019गोपालजी ठाकुर - भाजपा
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586668अब्दुल बारी सिद्दीकी
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राजद
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318689जीत का अंतर- 2,67, 979
इस बार आठ प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में
इस बार के लोकसभा चुनाव में आठ प्रत्याशी मैदान में हैं। भारतीय जनता पार्टी से गोपालजी ठाकुर, राष्ट्रीय जनता दल से ललित कुमार यादव, बहुजन समाज पार्टी से दुर्गानंद महावीर नायक, अखिल भारतीय परिवार पार्टी से किशोर कुमार दास, वाजिब अधिकार पार्टी से रंजीत कुमार राम, जनतंत्र आवाज पार्टी से रजनीश कुमार, मिथिलांचल मुक्ति मोर्चा से सरोज चौधरी एवं निर्दलीय मिथिलेश महतो शामिल हैं।
दरभंगा संसदीय क्षेत्र के अहम मुद्दे-
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बंद नदियों को चालू कराना।
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शहर को जाम से मुक्ति।
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दरभंगा के दक्षिण साइड में बायपास का निर्माण
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एम्स का निर्माण
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केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
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बंद सकरी, लोहट, रैयाम चीनी मिल, पंडौल सूत मिल और अशोक पेपर मिल को चालू कराना। ताकि पलायन रुके और स्थानीय लोगों को रोजगार मिले।
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