Bihar Politics: दरभंगा की सियासत में पारिवारिक दावेदारी तेज, कई नेता पुत्रों-पौत्रों के लिए मांग रहे टिकट
दरभंगा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में टिकट की दावेदारी तेज हो गई है। इस बार कई नेता अपने पुत्रों और पौत्रों के लिए टिकट मांग रहे हैं। कुशेश्वरस्थान में जहां हजारी परिवार में टिकट के लिए खींचतान है वहीं गौड़ाबौराम और बेनीपुर में भी पारिवारिक दावेदारी देखने को मिल रही है। नेता अपने बेटों के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने में लगे हैं।
मुकेश कुमार श्रीवास्तव, दरभंगा। विधानसभा चुनाव काफी करीब है। इसकी तैयारी हर दल ने शुरू कर दी है। ऐसे में टिकट की दावेदारी भी शुरू है, लेकिन इस वर्ष का चुनाव कुछ अलग देखने को मिल रहा है। हर पार्टी के बड़े नेता खुद तो खुद, अपने पुत्र और पौत्र के लिए भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। क्षेत्र में इसे लेकर कसरत जारी है। दरभंगा जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है।
कुशेश्वरस्थान में स्व. रामसेवक हजारी के पौत्र व शशिभूषण हजारी के पुत्र विधायक अमन भूषण हजारी इस बार के चुनाव में भी ताल ठोक रहे हैं। वहीं, इसी परिवार के जदयू से मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी कांग्रेस से इस सीट पर दावा कर रहे हैं।
बता दें कि सन्नी हजारी 2024 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर से कांग्रेस के टिकट पर मुकद्दर आजमा चुके हैं, जबकि कांग्रेस से जदयू में आए डॉ. अशोक राम ने अपने पुत्र अतिरेक कुमार के लिए जदयू में दावेदारी शुरू कर दी है। 2021 के उप चुनाव में अतिरेक कांग्रेस से कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमा चुके हैं।
समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के पुत्र अभिषेक कुमार लगातार गौड़ाबौराम क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। इस क्षेत्र से उनके पिता विधायक रह चुके हैं। वहीं, राजद से पूर्व मंत्री स्व. महावीर प्रसाद के पुत्र रतन यादव और भांजा रविंद्र पांडेय लगातार मेहनत कर रहे हैं।
बेनीपुर क्षेत्र से इस बार भी समता काल के नेता स्व. प्रो. उमाकांत चौधरी के पुत्र और पूर्व विधान पार्षद स्व. विनोद चौधरी के भाई प्रो. विनय चौधरी दूसरी बार विधायक बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहीं, विधान परिषद में कांग्रेस विधायक दल के नेता मदन मोहन झा के पुत्र माधव झा लगातार कसरत कर रहे हैं।
वहीं, अलीनगर क्षेत्र से पूर्व विधायक प्रभाकर चौधरी के पुत्र नीतीश प्रभाकर लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। विधायक मिश्रीलाल यादव अपने साथ-साथ पुत्र धीरज यादव के भविष्य को इस क्षेत्र से संवारने में लगे हैं। वहीं, अब्दुल बारी सिद्दीकी अपनी खोई हुई जमीन पर पुत्र अनीस बारी सिद्दीकी का भविष्य देख रहे हैं।
दरभंगा ग्रामीण से पूर्व मंत्री विधायक ललित कुमार यादव अपने साथ-साथ पुत्र विजय प्रकाश यादव के लिए एक-एक गांव का दौरा कर रहे हैं। पिता को टिकट नहीं मिलने पर पुत्र की दावेदारी पक्की मानी जा रही है। दरभंगा शहरी सीट पर भी कांग्रेस के दिग्गज नेता मदन मोहन झा अपने पुत्र माधव झा के लिए नई पिच तैयार कर रहे हैं।
हायाघाट से पूर्व विधायक कफिल अहमद कैफी के पुत्र शहनवाज कैफी लोजपा रामविलास से दावेदारी कर रहे हैं। वहीं, लालू प्रसाद यादव के हनुमान कहे जाने वाले पूर्व विधायक भोला यादव हायाघाट अथवा बहादुरपुर से अपने पुत्र को टिकट दिलाना चाहते हैं। इसके लिए शिवेंदु यादव अपने पिता के साथ विभिन्न समारोहों में दिखाई देने लगे हैं।
केवटी से पूर्व मंत्री अली अशरफ फातमी के पुत्र फराज फातमी तीसरी बार भाग्य आजमाने की तैयारी में है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव यादव अपने पौत्र ब्रह्मानंद यादव के लिए जमीन तलाश रहे हैं। चाचा डॉ. अशोक यादव के सांसद बन जाने के बाद केवटी सीट पर दावेदारी बनाए रखने के लिए ब्रह्मानंद को भाजपा से टिकट मिलना जरूरी बता रहे हैं। हालांकि, इस सीट पर अलीनगर विधायक मिश्रीलाल यादव के पुत्र धीरज की भी नजर है।
जाले से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. ललित नारायण मिश्र के पौत्र व पूर्व सांसद विजय कुमार मिश्र के पुत्र ऋषि मिश्रा दूसरी बार विधायक बनने के लिए राजद से लगातार टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में जिले के हर सीट राजनीतिक विरासत के संघर्ष की गवाह भी बन सकती है।
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