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Darbhanga News: दरभंगा के DMCH की हालत खराब... तीन घंटे तक मोबाइल की रोशनी में दो प्रसूता की सिजेरियन; डॉक्टर लाचार

Bihar News डीएमसीएच (DMCH Darbhanga) के कई वार्ड में जेनरेटर की सुविधा नहीं है और ना ही तत्काल अलग से बिजली के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इधर गायनिक वार्ड सर्जरी भवन के तीसरे फ्लोर पर चल रहे आर्थो और सर्जरी वार्ड में भी बिजली का लाइन कट जाने से मरीज मोबाइल की रोशनी में इलाज करवाने को मजबूर दिखे।

By Jagran NewsEdited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 21 Mar 2024 11:07 AM (IST)
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दरभंगा के DMCH की हालत खराब (जागरण)
 जागरण संवाददाता,दरभंगा। Darbhanga News Today: दरभंगा मेडिकल कालेज हास्पिटल की चिकित्सा व्यवस्था बुधवार को तीन घंटे मोबाइल की रोशनी के सहारे संचालित हुई। दिनभर बूंदाबांदी हो रही थी। डीएमसीएच के एमसीएच गायनिक,आर्थो ,सर्जरी वार्ड,मेडीसिन वार्ड में साढे तीन से शाम साढे छह बजे तक बिजली गुल रही। जिससे पूरे अस्पताल परिसर में तीन घंटे तक अंधेरा छाया रहा।

इस दौरान अस्पताल के नए एमसीएच भवन में दो प्रसूता को मोबाइल की रोशनी में ही चिकित्सक ने सिजेरियन किया। तीन की मोबाइल की रोशनी में लेबर रूम में नार्मल डिलीवरी हुई।

अस्पताल की व्यवस्था भगवान के ही भरोसे

स्वजन कह रहे थे कि अस्पताल की व्यवस्था भगवान के ही भरोसे है। एक दर्जन से अधिक मरीज नार्मल ओर सिजेरियन डिलीवरी के लिए बिजली आने की प्रतीक्षा में थे। अस्पताल के आब्जर्बशेन रूम में मरीजों की ओपीडी मोबाइल की रोशनी में हुई।

चिकित्सकों को ओपीडी में जांच एवं दवा लिखने में भी एक की जगह तीन लोगों ने मदद की। बच्चे की बुखार जांच के लिए थर्मामीटर के टेम्परेचर को देखने के लिए अलग से एक महिला मोबाइल के टार्च जलाकर प्रसूता की मदद करती दिखी।

बता दें एमसीएच भवन में जच्चा ओर बच्चा दोनों का इलाज शुरू हुआ है लेकिन अभी तक इस अस्पताल में जेनरेटर की सुविधा नहीं है और ना ही तत्काल अलग से बिजली के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इधर गायनिक वार्ड ,सर्जरी भवन के तीसरे फ्लोर पर चल रहे आर्थो और सर्जरी वार्ड में भी बिजली का लाइन कट जाने से मरीज मोबाइल की रोशनी में इलाज करवाने को मजबूर दिखे।

ऑपरेशन के दौरान ही लाइट चली गई

ओपीडी का पुर्जा मैनुअल दिया गया। मधुबनी के फुलपरास के बैका गांव की मरीज सुनीता देवी के स्वजन अकलेश्वरी देवी ने कहा कि आपरेशन में गर्भवती को ले जाया गया, उसी समय लाइन कट गया।

शुक्र है कि डाक्टर ने उनका आपरेशन कर डिलीवरी कराया। नाका छह की मरीज काजल कुमारी के स्वजन ने कहा कि पुर्जा हाथ से लिखकर दिया है किधर जाए चारों तरफ अंधेरा ही है। समस्तीपुर के स्लमपट्टी गांव की मरीज चांदनी कुमारी ने कहा कि बच्चे को बुखार है। डाक्टर ने थर्मामीटर से जांच करने के लिए कहा है।

जांच तो कर लिए लेकिन टेंपरेचर मोबाइल की रोशनी में देखना पड़ रहा है। बहेड़ी के बेलही गांव की मरीज विनीता कुमार के स्वजन राधेश्याम ठाकुर ने कहा कि ओटी में सिजेरियन डिलीवरी हुई है । गायनिक भवन से वर्षा के पानी मे भीग कर दवा लाया हूं ।अभी तक अंधेरे में ही सब लोग हैं। मरीज अभी ओटी में ही है।

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