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Bihar News: तालाबों को प्रदूषित करना दरभंगा रेलवे को पड़ा भारी! डेढ़ करोड़ से अधिक का लगा जुर्माना

तालाबों को प्रदूषित करने पर रेलवे पर 1 करोड़ 61 लाख 12500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड ने यह कार्रवाई की है। तालाब बचाओ अभियान संगठन की शिकायत पर एनजीटी ने राज्य प्रदूषण बोर्ड को कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था। कमेटी ने पाया कि दरभंगा रेलवे हराही और दिग्घी तालाबों में कचरा डालकर उन्हें प्रदूषित कर रहा।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Tue, 17 Sep 2024 07:23 PM (IST)
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तालाब बचाओ अभियान संगठन की शिकायत पर हुई कार्रवाई।

जागरण संवाददाता, दरभंगा। तालाब संरक्षण की दिशा में बिहार राज्य पॉल्यूशन बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई की है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोलकाता के निर्देश के आलोक में बिहार राज्य पॉल्यूशन बोर्ड की ओर से गठित कमेटी ने दरभंगा रेलवे को तालाबों को प्रदूषित करने को लेकर एक करोड़ 61 लाख 12,500 का जुर्माना लगाया है।

तालाब बचाओ अभियान संगठन की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने राज्य प्रदूषण बोर्ड को कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था।

तालाब बचाओ अभियान संगठन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत करते हुए बताया था कि दरभंगा शहर के दो मुख्य तालाब हराही और दिग्घी को नष्ट करने का सबसे बड़ा श्रेय भारतीय रेल को जाता है।

भारतीय रेल के व्यवस्थापक पिछले कई वर्षों से प्रतिदिन दर्जनों ट्रेनों की सफ़ाई-धुलाई का सारा कचरा दरभंगा रेलवे स्टेशन से हराही और दिग्घी में गिराया जा रहा है। चूंकि, दोनों तालाब एक-दूसरे से कनेक्टेड है, इसीलिए दोनों तालाब का पानी प्रदूषित हो रहा है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में तालाब बचाओ अभियान के अधिवक्ता कमलेश कुमार मिश्र ने बताया कि यह सत्यापित हुआ दरभंगा रेलवे प्रदूषक है और राज्य पोल्यूशन बोर्ड द्वारा गठित कमेटी ने दरभंगा रेलवे को एक करोड़ 61 लाख 12 हज़ार पांच सौ रुपए जुर्माना के बतौर भरने को कहा है। साथ यह भी अनुशंसा किया है कि दरभंगा रेलवे अपना सूइज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए।

जुर्माना और सूइज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने के आदेश/अनुशंसा को तालाब बचाओ अभियान के सदस्य एवं कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है।

प्रो. विद्या नाथ झा, डॉ. आरबी खेतान, डॉ. विनय कुमार मिश्र, अंजित कुमार मिश्र, इंदिरा कुमारी, उमेश रॉय, मो. तासीम नवाब, प्रो एसएन चौधरी, डॉ अशोक कुमार सिंह, बबलू गुप्ता आदि ने इस अभियान को और ज्यादा व्यापक स्तर पर चलाने के लिए सुझाव दिए हैं ।

उन्होंने कहा कि दरभंगा ही नहीं संपूर्ण बिहार के जलाशयों को बचाने का हमारा अभियान जारी रहेगा। बता दें कि इससे पहले भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी पर्यावरण संरक्षण वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए स्थापित राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित तालाब के प्राकृतिक स्वरूप से छेड़छाड़ को लेकर कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी पर पांच हजार का जुर्माना लगाया था।