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दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में होगी ज्योतिष सलाह केंद्र की स्थापना, कुंडली व वास्तु के गुण-दोषों का होगा निवारण

बिहार के कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में जल्द ही ज्योतिष सलाह केंद्र की स्थापना हो जाएगी। विद्वत परिषद ने केंद्र की स्थापना को लेकर हरी झंडी दे दी है। ज्योतिष सलाह केंद्र में विशेषज्ञों द्वारा कुंडली विश्लेषण के आधार पर शारीरिक व मानसिक समस्याओं का निवारण किया जाएगा। साथ ही कुंडली में यदि कोई दोष है तो उसे दूर करने के भी उपाय बताए जाएंगे।

By Mrityunjay Bhardwaj Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 19 Aug 2024 12:31 PM (IST)
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संस्कृत विश्वविद्यालय में होगा कुंडली व वास्तु के गुण-दोष का निवारण। (फाइल फोटो)
प्रिंस कुमार, दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (Kameshwar Singh Darbhanga Sanskrit University) में जल्द ही ज्योतिष सलाह केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसको लेकर विद्वत परिषद ने हरी झंडी दे दी है। मसौदा तैयार किया जा रहा है।

केंद्र में कुंडली के आधार पर शारीरिक व मानसिक समस्याओं का निवारण किया जाएगा। कुंडली में अगर कोई दोष है तो उसे दूर करने के उपाय भी बताए जाएंगे।

परामर्श केंद्र में मांगलिक दोष संग सभी तरह की कुंडली दोष के अलावा रत्न ग्रहण के मामले में भी विशेषज्ञों द्वारा परामर्श दिए जाएंगे। यहां करियर, शादी, आजीविका व माता-पिता के स्वास्थ्य से जुड़े मामलों पर भी सलाह दी जाएगी। परामर्श संग पूजा विधि भी बताई जाएगी। इसके बदले लोगों से मामूली शुल्क लिए जाएंगे।

कुंडली निर्माण और वास्तु विज्ञान की होगी पढ़ाई

ज्योतिष सलाह केंद्र की स्थापना के बाद इसमें कुंडली निर्माण और वास्तु विज्ञान के पाठ्यक्रम की पढ़ाई भी शुरू की जाएगी। उक्त दोनों में एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स की भी शुरुआत होगी।

ज्योतिष सलाह केंद्र में राज्य व देश-विदेश से आने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन कर कुंडली निर्माण और वास्तु विज्ञान संबंधित दोष और गुणों से अवगत कराया जाएगा। कुंडली निर्माण में सबसे पहले पंचांग का ज्ञान कराया जाएगा।

इसी तरह वास्तु विज्ञान में भूमि संबंधी दोष और गुणों की गणना की जाएगी। मिट्टी के गुण का अवलोकन किया जाएगा।

किस घर के सामने वृक्ष या मंदिर नहीं होना चाहिए, आदि बातों का ख्याल रखा जाता है। वास्तु में दिशा और कोण सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है।

वास्तु के साथ कुंडली का प्रयोग लाभदायक

ज्योतिषाचार्य डॉ. राम कुमार झा ने बताया कि वर्तमान में समाज का एक बड़ा वर्ग वास्तु विज्ञान के साथ ज्योतिषशास्त्र, योग विद्या आदि प्राचीन वैदिक विज्ञान के माध्यम से लाभान्वित हो रहा है।

जन्म कुंडली व्यक्ति के प्रारब्ध का विस्तार है। किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए ज्योतिष तथा वास्तु दोनों का एक साथ प्रयोग होना चाहिए। साथ ही, कर्म भी जरूरी है।

वास्तु के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से कुंडली की गणना, कुंडली में बननेवाले शुभाशुभ योगों को भी अवश्य देख लेना चाहिए।

शीघ्र विवाह के लिए कुंडली के अनुसार बाधक ग्रहों का उपाय करें, उचित कर्म करें तब वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करें तो लाभ निश्चित होगा।

क्या कहते हैं कुलपति लक्ष्मी निवास पांडेय 

कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय कहते हैं कि संस्कृत भाषा के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में ज्योतिष सलाह केंद्र की स्थापना से मिथिला ही नहीं, देश-विदेश के लोग लाभान्वित होंगे।

क्या कहते हैं ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष

विद्वत परिषद ने ज्योतिष सलाह केंद्र के स्थापना की मंजूरी दे दी है। केंद्र स्थापित होने के साथ ही इसमें कुंडली निर्माण और वास्तु विज्ञान पाठ्यक्रम में सर्टिफिकेट कोर्स चलाए जाएंगे। - डॉ. कुणाल कुमार झा अध्यक्ष, ज्योतिष विभाग।

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