दरभंगा,
संवाद सहयोगी: उत्तर बिहार में पहली बार दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) के नेत्रबैंक के माध्यम से नेत्रदान के बाद शुक्रवार को दो मरीजों में कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया गया। करीब दो घंटे तक चली सर्जरी में चिकित्सकों को सफलता मिली।
मरीजों की सर्जरी वाली आंख की पट्टी शनिवार को खोली जाएगी। इसके बाद रोशनी की जांच होगी।
गुल्लोवाड़ा इमलीघाट मशरफ बाजार, दरभंगा निवासी 76 वर्षीय उद्योगपति बद्री प्रसाद मनसारिया के निधन के बाद उनकी दोनों आंखें बिरौल अकबरपुर के मोहन पासवान और मधुबनी के सकरी मोहन बकिया निवासी अनीजा खातून के जीवन को रोशन करेंगी।
नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ. आसिफ शाहनवाज और नोडल पदाधिकारी डॉ. नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि कॉर्निया प्रत्यारोपण की एक दिन पूर्व ही तैयारी हो चुकी थी।
मोहन पासवान और अनीजा खातून व स्वजन गुरुवार को ही अस्पताल पहुंच चुके थे। शनिवार की सुबह करीब 10 बजे चिकित्सकों का दल आपरेशन थिएटर में पहुंचा। 12:45 बजे तक सर्जरी पूरी हुई। मरीजों को सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
16 जून को हुआ था बद्री प्रसाद का निधन
डॉ. आसिफ ने बताया कि नेत्र दानकर्ता बद्री प्रसाद की आंखों में मोतियाबिंद का आपरेशन हो चुका था। वे कोमा में थे। 16 जून को उनका निधन हो गया था। उनके कॉर्निया की जब ग्रेडिंग की गई तो वह बी-ग्रेड की पाई गई।
इसका उपयोग वैसे मरीजों में ही किया गया है, जिनकी आंखों में जख्म या संक्रमण के कारण रोशनी खत्म थी। शनिवार को जांच के बाद ही पता चलेगा कि कॉर्निया प्रत्यारोपण से कितने प्रतिशत रोशनी लौटी है।
पांच वर्ष पूर्व नेत्रदान का लिया था संकल्प
दधीचि देहदान समिति, पटना की दरभंगा शाखा के संयोजक मनमोहन सरावगी (बद्री प्रसाद के नाती) ने बताया कि करीब पांच वर्ष पहले बद्री प्रसाद मनसारिया ने परिवार के सामने नेत्रदान की इच्छा जताई थी, उनकी पत्नी शारदा देवी मनसारिया की हामी और परिवार के सभी सदस्यों की सहमति के बाद संकल्प पत्र भरा गया था।
दो माह पूर्व गिरने से उन्हें मस्तिष्काघात हुआ और वे कोमा में चले गए। अस्पताल में मौजूद बद्री प्रसाद के पोते आयुष मनसारिया और आकाश मनसारिया ने बताया कि 16 जून को उनके निधन के बाद दधीचि देहदान समिति को सूचना दी गई।
कुछ ही देर में डीएमसीएच के नेत्र विभाग की डॉ. शिप्पी प्रिया टीम के साथ पहुंचीं और कॉर्निया निकालकर नेत्रबैंक में सुरक्षित किया। स्वजन को डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. अलका झा, उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार ने नेत्रदान प्रमाणपत्र दिया।