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बिहार में भीषण गर्मी: पूर्णिया में पारा 40 के पार, रेल की पटरी टेढ़ी होने की सूचना, दरभंगा में रोकी ट्रेन

दरभंगा में बीते एक पखवाड़े से सूर्य के आक्रामक तेवर से जनजीवन प्रभावित हो ही चुका है वहीं भारतीय रेल विभाग के अभियंताओं की नींद भी उड़ चुकी है। किसी भी तरह की कोई रेल दुर्घटना न हो जाए इसके लिए रेल विभाग कमर कसे हुए है।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 20 Apr 2023 05:55 PM (IST)
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बिहार में भीषण गर्मी: पूर्णिया में पारा 40 के पार, रेल पटरी टेढ़ी होने की सूचना, दरभंगा में रोकी ट्रेन

जागरण टीम, दरभंगा/पूर्णिया। बिहार में गर्मी का कहर बढ़ता जा रहा है। पूर्णिया में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। वहीं, दूसरी ओर दरभंगा से रेल की पटरियां टेढ़ी होने और ट्रेन रोके जाने की भी सूचना है।

जानकारी के अनुसार, पूर्णिया मौसम केंद्र ने गुरुवार को बताया कि दोपहर दो बजे अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सुबह में न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस था। अब शाम साढ़े पांच बजे अधिकतम तापमान दर्ज किया जाएगा।

इधर, दरभंगा में बीते एक पखवाड़े से सूर्य के आक्रामक तेवर से जनजीवन प्रभावित हो ही चुका है, वहीं भारतीय रेल विभाग के अभियंताओं की नींद भी उड़ चुकी है। तेज धूप के कारण लोहे की पटरियों का एक्सटेंशन यानी टेढ़ी न हों इसके लिए रात-दिन रेल पटरियों की पैट्रोलिंग जारी है।

किसी भी तरह की कोई रेल दुर्घटना न हो जाए इसके लिए रेल विभाग कमर कसे हुए है। बीती 17 अप्रैल को पैट्रोलिंग के क्रम में दरभंगा-सीतामढ़ी रेल खंड के टेकटार रेल स्टेशन के समीप पैट्रोलिंग टीम ने पाया कि रेल पटरी के हुए एक्सटेंशन के कारण पटरी हल्की टेढ़ी हो गई थी।

इस बाबत रेल अधिकारियों को सूचित किया गया था। जिस सूचना पर दरभंगा से आए अभियंताओं की टीम ने आनन-फानन में पटरी को दुरुस्त किया था। इसी क्रम में दरभंगा रक्सौल पैसेंजर ट्रेन को लगभग 40 मिनट तक टेकटार स्टेशन के पास रोकना पड़ा था।

पैट्रोलिंग टीम के राम लोचन साह ने बताया कि पैट्रोलिंग करना हम लोगों का रूटीन काम है। खासकर भीषण गर्मी एवं भीषण ठंड में व्यस्तता बढ़ जाती है।

दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड के टेकटार रेल स्टेशन के पास टेढ़ी हुई पटरी को देखते रेल अधिकारी व कर्मचारी।

चूंकि रेल की पटरी लोहे की होती है, इसका गर्मी में एक्सटेंशन होता और भीषण ठंड में यह सिकुड़ जाती है। इससे रेल दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।

एक्सटेंशन होने पर जरूरत से ज्यादा पटरी को काटकर हटा दिया जाता है, तो सिकुड़ने पर दूसरी पटरी लगा दी जाती है।

रेल यात्रियों को कोई परेशानी न हो इसके लिए रेल विभाग मौसम की परवाह न कर अपने कर्तव्य के प्रति सदैव समर्पित रहता है।