आम व लीची की फसलों पर भीषण गर्मी का कहर, फट रहे फलों को बचाने के लिए आज ही करें ये जरूरी काम
कृषि विज्ञानी डॉ. प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया कि बढ़ते तापमान में फलों का फटने से बचाने के लिए किसान लीची और आम के पौधों में लगातार नमी बनाएं रखें। जलवायु के मौजूदा परिवेश में लीची और आम के फलों का फटना गंभीर बीमारी है जो इसकी वृद्धि और विकास के दौरान होता है। इसमें आंतरिक और बाह्य दोनों कारकों की निहित भूमिका शामिल है।
संवाद सहयोगी, जाले (दरभंगा)। आम लीची के बगीचों में बड़ी तेजी से फलों में फटने के साथ पेड़ से फल झरने से बागवानी किसान चिंतित हैं।
आम लीची के फलों में फटने की बीमारी देखे जाने पर कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी डॉ. प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया कि तेजी बढ़ते हुए तापमान के कारण इस तरह की बीमारी को देखते हुए किसान, लीची आम में अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए लीची के पौधों में लगातार नमी बनाएं रखें।
जलवायु के मौजूदा परिवेश में लीची व आम के फलों का फटना गंभीर विकार है, जो इसकी वृद्धि और विकास के दौरान होता है। इस रोग के कारण बाग में उपज के साथ आर्थिक नुकसान होता है।
खासकर लीची के फलों में फटने की समस्या दिन में उच्च तापमान (35-40 डिग्री सेल्सियस) और कम सापेक्ष आर्द्रता (60 प्रतिशत) के कारण हो रहा है। इसमें आंतरिक और बाह्य दोनों कारकों की निहित भूमिका शामिल है।जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अलावा, फलों की शुरुआती वृद्धि के दौरान फल के त्वचा का असामान्य विकास इस विकार को बढ़ावा दे रहा है।
फलों की वृद्धि के अंतिम चरण के दौरान दरारें पड़ती हैं, जब फल विकसित होता है। फलों को फटने से बचाने के लिए किसान इसका त्वरित उपचार करें।कैल्शियम नाइट्रेट (0.5 - 1प्रतिशत), बोरेक्स (0.4 - 0.8 प्रतिशत), जेड एन (0.4 प्रतिशत), जीए 3 (10 पीपीएम) के अकेले या मिलाकर छिड़काव करे। समय पर सिंचाई एवं मल्चिंग करने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।यह भी पढ़ें: 'बैलेट पेपर लूट-लूटकर करते रहे राज; अब EVM को कर रहे बदनाम', सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पहली बार बोले पीएम
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