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Bihar News: 'आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं', मुकेश सहनी बोले- मल्लाहों को उनका हक दिलाना ही VIP का मुख्य लक्ष्य

विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने जाति आधारित गणना के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद किया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मल्लाहों को उनका हक दिलाना ही VIP का मुख्य लक्ष्य है। अगर हमें आरक्षण नहीं मिला तो हम गठबंधन नहीं करेंगे। सहनी ने कहा कि गठबंधन नहीं तो वोट नहीं और वोट नहीं तो दिल्ली की सरकार नहीं।

By Edited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 08 Oct 2023 08:58 PM (IST)
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'आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं', मुकेश सहनी बोले- मल्लाहों को उनका हक दिलाना ही VIP का मुख्य लक्ष्य
जागरण संवाददाता, दरभंगा। Mukesh Sahani On Caste Census विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि जाति गणना की रिपोर्ट से यह प्रमाणित हो चुका है कि निषाद (बिंद, बेलदार, नोनिया, मल्लाह और अन्य) संख्या के आधार पर बिहार की दूसरी सबसे बड़ी जाति है। राज्य में सफलतापूर्वक जाति आधारित गणना कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) धन्यवाद के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार विधानमंडल के नौ दलों के साथ विकासशील इंसान पार्टी ने भी जाति आधारित गणना का पुरजोर समर्थन किया था। मल्लाहों को आरक्षण दिलाना ही उनकी पार्टी वीआईपी का मुख्य लक्ष्य है। वे रविवार को संकल्प यात्रा के दौरान लहेरियासराय स्थित प्रेक्षागृह में सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

'जाति आधारित गणना से प्रमाणित हो गया है कि...'

उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना (Caste Bases Census) से प्रमाणित हो गया है कि बिहार में ओबीसी की संख्या 63.14 प्रतिशत है। इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 और पिछड़ा वर्ग की संख्या 27.13 प्रतिशत है। निषाद समाज की सभी उपजातियां, बिंद, बेलदार, नोनिया, मल्लाह, केवट (कउट), केवर्त, कोल, गोंड, गंगई (गणेश), गंगोता, चार्य, तियर, तुरहा, घिमर, मझवार, मोरियारी, वनपर, गोड़ी (छावी), अमात, घटवार को मिलाकर निषाद समाज की संख्या कुल 9.6450 प्रतिशत हैं।

'निषाद जाति से एक भी डीएम-एसपी नहीं है'

उन्होंने कहा कि निषाद समाज को आरक्षण का लाभ मिले। निषाद जाति से एक भी डीएम-एसपी नहीं है। यदि आरक्षण मिलता है तो हमारे बच्चे भी डीएम, एसपी, एसडीओ, बीडीओ आदि पदों पर सुशोभित होंगे।

उन्होंने कहा कि हमारी इतनी अधिक आबादी होने के बाद भी कोई हमें सुनने के लिए तैयार नहीं है। हमें संकल्प लेना है कि जो हमारी सुनेगा हम उसकी सुनेंगे। उन्होंने कहा कि आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं, गठबंधन नहीं तो वोट नहीं और वोट नहीं तो दिल्ली की सरकार नहीं।

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